लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार अपराध रोकने और माफिया व अपराधियों पर जीरो टालरेंस के तहत कार्रवाई कर रही है तो उनके व पुलिस के बीच कानूनी दांवपेंच का खेल भी जारी रहता है। प्रदेश के सूचीबद्ध माफिया में से 6 माफिया फरार हैं, जिनकी पुलिस लंबे समय से तलाश कर रही है, जबकि बृजेश सिंह समेत 20 माफिया जमानत पर बाहर हैं।
पुलिस उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के साथ ही उनके मुकदमों में और प्रभावी पैरवी की रणनीति के तहत कदम बढ़ा रही है। मुख्तार अंसारी समेत 40 माफिया वर्तमान में जेल में हैं। इनमें अजय सिपाही ने बीते दिनों ही समर्पण किया था, जबकि चिन्हित 66 माफिया की सूची में शामिल रहे अतीक अहमद की पुलिस अभिरक्षा में हत्या हो चुकी है और पुलिस अभिरक्षा से भाग निकले आदित्य राणा उर्फ रवि भी मुठभेड़ में मारा गया था।
यूपी के माफिया सूची में शामिल पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात बदन सिंह उर्फ बद्दो, सहारनपुर निवासी पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल उर्फ बाला, गौतम बुद्ध नगर का मनोज उर्फ आसे, मुज़फ्फरनगर का विनय त्यागी उर्फ टिंकू, लखनऊ का जुगनूवालिया उर्फ हरिविंदर तथा प्रयागराज का जावेद उर्फ पप्पू भी फरार चल रहा है। इन सभी की पुलिस तलाश कर रही है।
इसके अलावा माफिया बृजेश कुमार सिंह, विनोद शर्मा, एजाज, डब्बू सिंह उर्फ प्रदीप सिंह, गुड्डू सिंह, अनूप सिंह, संजीव द्विवेदी, राकेश यादव, सुधीर कुमार सिंह, विनोद कुमार उपाध्याय, राजन तिवारी, सउद अख्तर, लल्लू यादव, बच्चू यादव, राजेश यादव, गणेश यादव, कम्मू उर्फ कमरुल हसन व जाबिर हुसैन जमानत पर बाहर हैं।
मुख्तार अंसारी, उधम सिंह, यागेश भदौड़ा, हाजी याकूब कुरैशी, शारिक, सुनील राठी, धर्मेंद्र, यशपाल तोमर, अमर पाल उर्फ कालू, अनुज बरखा, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा, अनिल चौधरी, ऋषि कुमार शर्मा, अनुपम दुबे, खान मुबारक समेत 39 माफिया जेल में हैं।