इस्लामाबाद- पाकिस्तान में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, हाईकोर्ट ने इमरान खान को सभी मामलों में जमानत दे दी है, वहीं हाईकोर्ट के बाहर पुलिस 10 और मामलों में गिरफ्तारी वारंट लेकर खड़ी है। पाकिस्तान में फौज में भी बगावत हो गई है ,जिसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल को उनके पद से हटा दिया गया है और 100 फौजी अफसरों और उनकी पत्नियों को हिरासत में ले लिया गया है।
पाकिस्तान में आर्मी और सरकार एक तरफ नजर आ रही है, जबकि अदालत इमरान खान के पक्ष में खड़ी हो गई है, सरकार मुकदमें दर्ज करा रही है और अदालतें उनमें इमरान खान को जमानत देती जा रही है। हाई कोर्ट ने 17 मई तक इमरान खान की इस्लामाबाद से किसी भी मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) ने शुक्रवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में भी दो हफ्ते की जमानत दे दी है। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी है। कार्यवाही के दौरान इमरान खान ने अपनी गिरफ्तारी के बाद देश भर में अशांति फैलने की चेतावनी दी थी। जियो न्यूज के मुताबिक, सुनवाई के पहले सत्र में इस्लामाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय विशेष खंडपीठ ने पूर्व प्रधानमंत्री के पक्ष में नारे लगाए जाने के तुरंत बाद खान की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित करते हुए कोर्ट रूम छोड़ दिया।
पाक सुप्रीम कोर्ट द्वारा अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार दिए जाने के एक दिन बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान खान की जमानत याचिका पर विचार किया। जब खान से सवाल किया गया कि क्या उन्हें गिरफ्तार होने की उम्मीद थी? इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मैं 100 प्रतिशत निश्चित था कि मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इसके बाद, पीटीआई प्रमुख के पक्ष में नारेबाजी से कोर्ट रूम गूंज उठा। अदालत के कर्मचारियों ने नारेबाजी रोकने की कोशिश की, हालांकि, वे ऐसा करने में विफल रहे। इस पर, न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब ने कहा कि यह अस्वीकार्य है। इसके बाद शुक्रवार की नमाज के लिए सुनवाई कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई। जियो न्यूज के मुताबिक, इमरान खान उच्च सुरक्षा वाले काफिले में हाईकोर्ट पहुंचे, जहां सैकड़ों पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
इसी बीच पाकिस्तान के खुफिया ब्यूरो (आईबी) ने इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त और इस्लामाबाद पुलिस के महानिरीक्षक को पत्र लिखकर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की रिहाई की स्थिति में पुलिस लाइंस समेत सभी सरकारी इमारतों और संपत्तियों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करने की अपील की है। मीडिया रिपोर्टों में यह बात कही गई है। एजेंसी ने दो अलग-अलग पत्र जारी किए हैं। एक पत्र में उसने उस परिसर को सुरक्षित करने की सिफारिश की जहां वर्तमान में इमरान खान को रखा गया है, साथ ही आस-पास की इमारतों को भी ताकि उपद्रवियों द्वारा हमलों के संभावित खतरे की स्थिति में किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
जियो न्यूज ने बताया कि इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त नूर-उल-अमीन मंगेल और इस्लामाबाद पुलिस के आईजी डॉ. अकबर नासिर खान को संबोधित पत्र में आईबी ने कहा कि इमरान खान संस्थानों के खिलाफ भड़काऊ बयान दे रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप देश भर में हिंसक घटनाएं हुई हैं।
पत्र में यह भी कहा गया है कि पीटीआई प्रदर्शनकारियों ने सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों ने घंटों तक इस्लामाबाद हवाई अड्डे की ओर जाने वाली सड़क को अवरुद्ध कर दिया और खाद्य आपूर्ति को शहर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।
जियो न्यूज ने बताया, भीड़ के रूप में प्रदर्शनकारियों ने इस्लामाबाद में कानून अपने हाथ में ले लिया। उन्होंने सार्वजनिक और निजी इमारतों को क्षतिग्रस्त कर दिया और आग लगा दी।
आईबी के पत्र के अनुसार, पूर्व पाक पीएम की रिहाई से संस्थानों के खिलाफ प्रदर्शनकारियों की महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया संभव है, जिससे नागरिकों के जीवन और संपत्ति को खतरा हो सकता है। इसलिए, स्थिति का मुकाबला करने के लिए पुलिस लाइन सहित सरकारी भवनों और संपत्तियों की सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए।
पत्र में चेतावनी दी गई है कि अगर इमरान खान को रिहा किया जाता है तो संस्थानों के खिलाफ भीड़ की प्रतिक्रिया तेज हो सकती है, जिससे निर्दोष जान-माल का संभावित नुकसान हो सकता है। आईबी ने सुझाव दिया है कि उपद्रवियों के नापाक मंसूबों का मुकाबला करने के लिए प्रभावी एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए।