नई दिल्ली। सिराथू से समाजवादी पार्टी की विधायक और अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने प्राविधिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए यूपी विधानसभा परिसर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था। उन्होंने योगी सरकार में मंत्री और अपने जीजा आशीष पटेल पर एचओडी के प्रमोशन में करोड़ों रुपये की घूसखोरी और पिछड़े वर्ग के अधिकारों की हकमारी का आरोप लगाया था।
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पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में एचओडी पदों पर नियुक्ति के लिए 25-25 लाख रुपये की घूस ली गई। पल्लवी ने दावा किया कि नियुक्ति प्रक्रिया में पिछड़े वर्ग के साथ अन्याय किया गया। उन्होंने कहा कि यह नियुक्तियां यूपीएससी और AICTE के नियमों के तहत होनी चाहिए थीं, लेकिन इनका पालन नहीं किया गया।
सोमवार को पल्लवी पटेल ने इस मुद्दे को सदन में उठाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी गई। इससे नाराज होकर उन्होंने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया और चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठ गईं।
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धरने के दौरान पल्लवी पटेल ने खुले आसमान के नीचे सर्द रात गुजारी। देर रात तक उनके धरने की खबर सरकार तक पहुंची, जिसके बाद संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना उन्हें मनाने पहुंचे।
संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने पल्लवी पटेल से बातचीत कर उन्हें आश्वासन दिया कि मंगलवार को उन्हें सदन में अपनी बात रखने का पूरा अवसर मिलेगा। मंत्री के समझाने के बाद पल्लवी पटेल ने धरना समाप्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि यह मामला उनके जीजा और योगी सरकार में मंत्री आशीष पटेल के अधीन आता है। आशीष पटेल, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं और अपना दल (सोनेलाल) के नेता हैं। पल्लवी ने आरोप लगाया कि आशीष पटेल के संरक्षण में घोटाले किए गए और पिछड़े वर्ग को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया।
पल्लवी पटेल को उम्मीद है कि आज (मंगलवार) उन्हें सदन में बोलने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि वह अपने आरोपों के प्रमाण और सभी तथ्य सदन के सामने रखेंगी।