मेरठ। खरखौदा में गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारे का काम तेजी गति से चल रहा है। लेकिन अब किसानों के विरोध के आगे भूमि अधिग्रहण का पेंच फंसा हुआ है। भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों का विरोध बढ़ता जा रहा है। अनिश्चितकालीन धरने के साथ अब 10 गांवों के किसानों द्वारा 24 नवंबर को धरनास्थल पर बड़ी पंचायत करने का एलान किया गया है। इसके प्रचार प्रसार में किसान जुट गए हैं, ताकि पंचायत में ज्यादा से ज्यादा लोग आएं। किसानों का कहना कि प्रशासन उनकी जमीन अधिग्रहण करने के लिए दबाव बना रहा है।
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शासन द्वारा दूसरे चरण के लिए 300 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए खरखौदा क्षेत्र के गांव गोविंदपुर, खड़खड़ी, छतरी और खरखौदा माजरा के करीब 800 किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जाना है, लेकिन किसान विरोध कर रहे हैं। किसानों ने मुख्यमंत्री व यूपीडा सहित कई जगहों पर प्रार्थना पत्र देकर भूमि न देने से इनकार कर दिया है।
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शासन द्वारा 300 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण का प्रस्ताव यूपीडा ने मान लिया है। किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं है। इसके चलते खरखौदा संपर्क मार्ग स्थित छतरी गांव के पास 18 वें दिन गुरुवार भी किसानों का धरना जारी रहा। पांची ग्राम प्रधानपति ज्ञानेंद्र त्यागी, फकरपुर कबट्टा के प्रधान नरेश व कैली के ग्राम प्रधानपति विजेंद्र सहित सभी लोगों ने धरने पर पहुंचकर