मुजफ्फरनगर। समाजवादी पार्टी ने मीरापुर विधानसभा के उपचुनाव में कल हुए कई मतदान केदो पर भारी धांधलिका आरोप लगाते हुए पुनर मतदान की मांग की है।
पार्टी के जिला अध्यक्ष जिया चौधरी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिलाधिकारी को भेजे शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि मीरापुर विधानसभा के कई बूथ पर पुलिस प्रशासन द्वारा गड़बड़ी की गई है और मतदाताओं को मताधिकार का प्रयोग करने से रोक दिया गया है। जिसके लिए उन्होंने पुनर मतदान की मांग की है।
समाजवादी पार्टी ने जिन मतदान केदो पर पुनर मतदान की मांग की है उनमें मतदान केंद्र संख्या 92, 93, 141, 142, 143, 144, 145, 146, 147, 148, 149, 150, 178, 179, 180,181,182,186, 228, 229, 230, 231,232, 233, 234, 235, 245, 246, 247, 248,249,250, 251, 252,256,257,258, 259,260,261,262,263,266,267,268,269,297, 298, 299,318,319,320 शामिल है।
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समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष जिया चौधरी ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा मुस्लिम बहुल गांवों में बेरीकेडिंग लगाकर आवश्यक मतदाताओं की आईडी चेक की गई। कई मतदाताओं को वोट डालने से रोका गया। महिला मतदाताओं के साथ दुर्व्यवहार और लाठीचार्ज किया गया। आरोप लगाया कि कुछ पुलिसकर्मियों ने महिला मतदाताओं पर पिस्तौल तानकर उन्हें वोट डालने से रोका। मतदान केंद्रों से आधा किलोमीटर दूर गांव के रास्तों पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा मतदाताओं के वाहनों के टायर पंचर किए गए, ताकि वे मतदान केंद्र तक न पहुंच सकें।
सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति द्वारा मतदान केंद्र के अंदर की तस्वीरें पोस्ट करने का मामला सामने आया। आरोप है कि ईवीएम मशीन के साथ फोटो खींचकर गोपनीयता भंग की गई। लोक दल प्रत्याशी मिथलेश पाल की तस्वीर लगी मतदान पर्चियां बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) द्वारा वितरित की गईं, जो चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करती हैं।
AIMIM प्रत्याशी और समर्थकों ने चुनाव आयोग जिला अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लगातार इस बारे में सूचित किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। मतदाताओं ने कहा कि पुलिस और प्रशासन ने चुनाव प्रक्रिया में निष्पक्षता की सारी मर्यादाएं तोड़ दीं। चुनाव में तैनात अधिकारियों और पुलिस पर यह आरोप भी लगा कि उन्होंने जानबूझकर मतदाताओं पर दबाव बनाया और वोटिंग प्रक्रिया को प्रभावित किया।
कई मतदान केंद्रों पर तनावपूर्ण माहौल रहा। कुछ केंद्रों पर पुलिस और स्थानीय निवासियों के बीच झड़पें भी हुईं मतदाताओं और प्रत्याशियों ने निर्वाचन आयोग से इस चुनाव को रद्द कर दोबारा मतदान कराने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन का कहना है कि वे सभी आरोपों की जांच करेंगे। पुलिस ने अब तक इन आरोपों पर कोई विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं दी है।