नोएडा। मंगलवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 133वीं बोर्ड बैठक औद्योगिक भू विकास आयुक्त व नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज सिंह की अध्यक्षता में हुई।
बोर्ड बैठक में ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के 117 प्रोजेक्ट में करीब 75 हजार फ्लैट खरीदारों को आशियाना दिलाने के लिए अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू करने पर शासन से जारी शासनादेश को अंगीकृत करने पर मुहर लगी। इसके अलावा 20 हजार वर्ग मीटर तक के भूखंडों की दरों में औसतन 12 फीसदी वृद्धि, ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों में विजिटर्स पार्किंग 5 फीसदी अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी, पानी के बकायेदारों को 31 मार्च 2024 तक की लंबित देय जल मूल्य धनराशि करने पर बड़ी राहत, सेक्टर जीटा टू में आरपीएस 02 आवसीय योजना 2010 के 231 आवंटियों की तरफ से जमा धनराशि को वापस किए जाने के लिए बोर्ड द्वारा मंजूरी देना सहित अन्य मामलों को बोर्ड ने हरी झण्डी दी। बोर्ड बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार व नोएडा के सीईओ डा. लोकेश एम समेत तीनों प्राधिकरणों व बोर्ड के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में उक्त प्रस्तावों पर मुहर लगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने बताया कि बोर्ड बैठक में अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू करने पर शासन से जारी शासनादेश को अंगीकृत करने पर मुहर लग गई है। इससे बिल्डर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए शून्यकाल का लाभ, बकाया जमा करने के लिए समयावधि, मोर्टगेज परमिशन, प्रचलित एफएआर को क्रय करने, परियोजना पूरी करने के लिए समय वृद्धि का लाभ मिल सकेगा, जबकि फ्लैट खरीदारों को तीन माह में रजिस्ट्री, अतिरिक्त पैसा नहीं देने समेत कई लाभ मिलेंगे। हालांकि शर्तों का उल्लंघन करने पर बिल्डरों को लाभ नहीं मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण बोर्ड ने 20 हजार वर्ग मीटर तक के भूखंडों की दरों में औसतन 12 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है।
1000 वर्ग मीटर तक के सभी श्रेणी के भूखंडों की कीमत 29238 रुपये प्रति वर्ग मीटर करने पर सहमति बन गई है। इसी तरह 1001 वर्ग मीटर से लेकर 20,000 वर्ग मीटर तक सभी श्रेणी के भूखंडों की कीमत 23975 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दी गई है। शेष आकार वाले भूखंडों की श्रेणी और कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि बोर्ड ने ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों में विजिटर्स पार्किंग 5 फीसदी अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एकल भवनों में भी सिंगल पार्किंग जरूरी है। इससे सोसाइटियों में विजिटर्स की पार्किंग को लेकर होने वाले विवाद हल हो जाएंगे।
उन्होंने बताया कि निवेश व रोजगार को ध्यान में रखते हुए अब तक कंप्लीशन व फंक्शनल सर्टिफिकेट न ले पाने वाली औद्योगिक, आईटी व आईटीईएस को बडी राहत दे दी है। इन इकाइयों को कंप्लीशन सर्टिफिकेट व फंक्शनल सर्टिफिकेट प्राप्त करनेे के लिए 31 दिसंबर 2024 तक का समय दिया गया है।