Tuesday, November 5, 2024

पेमा खांडू ने अरुणाचल के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार ली शपथ

ईटानगर। बुधवार को भाजपा विधायक दल का नेता चुने गए पेमा खांडू ने गुरुवार को लगातार तीसरी बार अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त), केटी परनाइक ने ईटानगर के दोरजी खांडू कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री पेमा खांडू व उपमुख्यमंत्री चौना मीन और 10 अन्य कैबिनेट मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

 

 

शपथ लेने वाले अन्य मंत्रियों में बियुराम वाहगे, न्यातो दुकम, गेब्रियल डेनवांग वांगसू, वांगकी लोवांग, पासंग दोरजी सोना, मामा नटुंग, दासंगलू पुल, बालो राजा, केंटो जिनी और ओजिंग तासिंग शामिल हैं। बियुराम वाहगे राज्य भाजपा अध्यक्ष हैं, जबकि दासंगलु पुल मुख्यमंत्री खांडू की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में एकमात्र महिला मंत्री हैं। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और कई अन्य गण्यमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

 

 

बुधवार की बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग और पार्टी के अरुणाचल प्रभारी अशोक सिंघल मौजूद थे, इसमें खांडू को फिर से विधायक दल का नेता चुना गया। उल्लेखनीय है कि 19 अप्रैल को लोकसभा चुनावों के साथ-साथ हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आम चुनावों के नतीजों की घोषणा से दो दिन पहले दो जून को घोषित किए गए थे। 60 सदस्यीय अरुणाचल विधानसभा में भाजपा ने 46 सीटें हासिल कीं, जो 2019 की तुलना में पांच अधिक है। इनमें से 10 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए। इनमें सीएम खांडू की सीट भी शामिल है। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा की अध्यक्षता वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने 5 सीटों पर जीत हासिल की। इसके बाद अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (3), पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (2), कांग्रेस (1), जबकि 3 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीतीं।

 

 

 

एनपीपी, एनसीपी और पीपीए ने पहले ही भाजपा सरकार को समर्थन देने की घोषणा कर दी थी। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के बेटे, मोनपा समुदाय के नेता पेमा खांडू (45) पहली बार 2016 में मुख्यमंत्री बने थे। उस समय उन्होंने कई विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर पीपीए का दामन थामा था और फिर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने 2019 के विधानसभा चुनावों में अरुणाचल प्रदेश में पहली बार चुनावी जीत दर्ज की थी।

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