गाजियाबाद। गाजियाबाद शहर के लोगों को डीएम सर्किल रेट से संपत्ति कर नहीं देना होगा। जिन लोगों को बिल या नोटिस मिल चुके हैं, वे लोग बढ़ी दरों से कर जमा न कराएं। यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव मंगलवार को नगर निगम कार्यकारिणी ने पास कर दिया। इससे शहर के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। नगर निगम ने सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर लगाकर बिल जारी करना शुरू कर दिया था। लोग इसका विरोध कर रहे थे।
नगर निगम में पहले कार्यकारिणी के सदस्यों का चुनाव हुआ। इसके तुरंत बाद महापौर सुनीता दयाल ने आपात बैठक बुला ली। इसमें एक ही एजेंडा रखा गया। यह था डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर लगाए जाने के फैसले को निरस्त करना। यह फैसला निगम के अधिकारियों ने लिया था। इस पर उनकी दलील थी कि यह फैसला कर की विसंगतियों को दूर करने के लिए लिया गया।
इस पर सभी सदस्यों ने एकमत से कहा कि इसे तत्काल निरस्त किया जाए। महापौर ने बताया कि कार्यकारिणी के सभी सदस्यों और पार्षदों की ईच्छा के अनुरूप सर्किल रेट से कर लगाने का फैसला निरस्त कर दिया गया। जिन लोगों को सर्किट रेट की दर से बिल मिले हैं, वे जमा न कराएं। उनके बिल नए सिरे से जारी होंगे।
नगर निगम अधिनियम के अनुसार प्रत्येक दो वर्ष में एक बार संपत्ति कर की दरें निर्धारित की जा सकती हैं। इस साल नौ जनवरी को बोर्ड बैठक के दौरान मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने अवगत कराया था कि विगत वर्ष 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। इस लिहाज से 31 मार्च 2025 तक संपत्ति कर में बढ़ोतरी नहीं की जा सकती। अफसरों का कहना था कि कारपेट एरिया के आधार पर टैक्स रिवीजन का कार्य कराया जा रहा है। संपत्ति कर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसके बाद भी बढ़ी दरों पर कर वसूली की जाने लगी है।