Thursday, September 19, 2024

पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर11वीं बार देश को किया संबोधित,यहां पढ़े मुख्य-बातें

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में देश को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बना कर विश्व समुदाय में एक नये मुकाम पर पहुंचाने के संकल्प, इसकी राह में मुख्य चुनौतियों तथा उनसे निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों का चित्र प्रस्तुत किया और कहा कि वह अपने तीसरे कार्यकाल में दिन-रात तीन गुनी गति और तीन गुने विस्तार से काम करेंगे।

लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में उन्होंने बुनियादी अवसंरचना के विकास, नयी प्रौद्योगिकी के प्रयोग के साथ साथ आम नागरिक के जीवन को आसान बनाने की आवश्यकता पर बल दिया और इस दिशा में उठाये गये कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने भ्रष्टाचार और महिलाओं के प्रति अपराध रोकने और जघन्य अपराधियों को सजा दिला कर अपराध के प्रति खौफ पैदा करने की जरूरत पर बल दिया।

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श्री मोदी ने समान व सेक्युलर सिविल कोड तथा एक देश एक चुनाव व्यवस्था लागू करने की जरूरत पर बल दिया और राज्यों में आर्थिक सुधार तथा कानून व्यवस्था पर ध्यान देकर निवेशकों के अनुकूल वातावरण बनाये जाने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सामने चुनौतियां हैं पर चुनौतियों से खेलना का भारत के लोगों का खेल है।

प्रधानमंत्री के संबोधन के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

-जीवन को आसान बनाने का मिशन: प्रधानमंत्री मोदी ने मिशन मोड पर ‘जीवन को आसान बनाने’ के अपने दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने व्यवस्थित मूल्यांकन और बुनियादी अवसंरचना और सेवाओं में सुधार के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की बात कही।

-नालंदा भावना का पुनरुद्धार: प्रधानमंत्री ने उच्च शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देकर भारत को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य को प्रस्तुत करते हुये प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की भावना को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया।

-मेड इन इंडिया चिप-सेमीकंडक्टर उत्पादन: मोदी ने सेमीकंडक्टर उत्पादन में वैश्विक नेता बनने के लिये भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और कहा कि हम अपने उपकरणों में अपना माइक्रो चिप क्यों न लगायें।

-स्किल इंडिया: बजट 2024 का जिक्र करते हुये, प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं को प्रशिक्षित करने और दुनिया की कौशल राजधानी बनने के लिये सरकार द्वारा घोषित ऐतिहासिक पहलों पर प्रकाश डाला।

-औद्योगिक विनिर्माण का केंद्र: प्रधानमंत्री ने अपने विशाल संसाधनों और कुशल कार्यबल का लाभ उठाते हुये भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने की कल्पना की।

-भारत में डिजाइन, दुनिया के लिये डिजाइन: प्रधानमंत्री ने स्वदेशी डिजाइन क्षमताओं की प्रशंसा की और ऐसे उत्पाद बनाने का आग्रह किया जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों की जरूरतों को पूरा करते हों, इस मुहावरे को गढ़ते हुये।

– वैश्विक डिजिटल गेमिंग (खेल) बाजार में अग्रणी: मोदी ने कहा कि भारत को मेड इन इंडिया गेमिंग उत्पादों के साथ आना चाहिये और अपनी समृद्ध प्राचीन विरासत और साहित्य का लाभ उठाना चाहिये, वैश्विक गेमिंग बाजार का नेतृत्व करना चाहिये, दुनिया भर में अपनी पहचान बनानी चाहिये।

– ग्रीन जॉब्स और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन: मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के भारत के प्रयासों में ग्रीन जॉब्स के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश का ध्यान अब ग्रीन ग्रोथ (स्वच्छ आर्थिक वृद्धि) और ग्रीन जॉब्स (स्वच्छ प्रौद्योगिकी वाले उद्योगों में रोजगार) पर है।

– स्वस्थ भारत मिशन: मोदी ने कहा कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये भारत को ‘स्वस्थ भारत’ के रास्ते पर चलना चाहिये।

– राज्य स्तरीय निवेश प्रतियोगिता: प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भर के निवेशक भारत आना चाहते हैं। उन्होंने राज्य सरकारों से निवेश आकर्षित करने, सुशासन का आश्वासन देने और कानून व्यवस्था की स्थिति में विश्वास सुनिश्चित करने के लिये स्पष्ट नीतियां स्थापित करने का आह्वान किया।

– वैश्विक मानक के रूप में भारतीय मानक: पीएम मोदी ने गुणवत्ता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए पहचाने जाने की भारत की आकांक्षा पर बात की और कहा कि भारतीय मानकों को अंतरराष्ट्रीय मानक बनने की आकांक्षा रखनी चाहिये। उन्होंने विश्व बाजार के लिये भारत में उत्पाद डिजाइन पर बल दिया।

-जलवायु परिवर्तन लक्ष्य: प्रधानमंत्री ने 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत जी-20 देशों में पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने वाला एकमात्र देश है।

-चिकित्सा शिक्षा विस्तार: प्रधानमंत्री ने अगले पांच वर्षों में 75,000 नयी चिकित्सा सीटें जोड़ने की योजना की घोषणा की, जिसका उद्देश्य देश की चिकित्सा शिक्षा क्षमता को बढ़ाना और स्वास्थ्य पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करना है।

– राजनीति में नये लोगों को शामिल करना: प्रधानमंत्री ने देश भर से ऐसे एक लाख प्रतिभावान एवं समर्पित युवाओं को पंचायत से लेकर संसद तक राजनीतिक में लाने का आह्वान किया, जिनके परिवारों में राजनीति का कोई इतिहास नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य भाई-भतीजावाद और जातिवाद की बुराइयों से लड़ना और भारत की राजनीति में नये लोगों को शामिल करना है।

– भारत शेष दुनिया के लिये समाधान है, संकट नहीं: प्रधानमंत्री ने विश्व समुदाय को आश्वासन दिया कि भारत का विकास दुनिया के लिये संकट उत्पन्न नहीं करेगा। भारत पहले जब समृद्ध था, तब भी किसी के लिए संकट नहीं बना।

बंगलादेश: मोदी ने बंगलादेश में शीघ्र स्थिति सामान्य होने की कामना की, वहां हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा किये जाने पर बल दिया और कहा कि भारत अपने इस पड़ोसी के विकास में उसका साथी बना रहने की इच्छा रखता है।

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