भुवनेश्वर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में यहां शनिवार को देश के तमाम शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ 59वें डीजी-आईजी सम्मेलन के दूसरे दिन पुलिसिंग और राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
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प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा, “भुवनेश्वर में डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन में पहला दिन बहुत ही सफल रहा। पुलिसिंग और सुरक्षा पर विभिन्न विषयों पर चर्चा की।” उन्होंने बैठक की तस्वीरें भी साझा कीं। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को तीन दिवसीय डीजीपी सम्मेलन में भाग लिया। गृह मंत्री अमित शाह ने 29 नवंबर को इसका उद्घाटन किया था।
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बैठक में, सभी राज्यों के पुलिस बलों के प्रमुख और अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां मौजूदा और उभरती राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए रोडमैप तैयार करने के उद्देश्य से विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श कर रही हैं। इन चुनौतियों में वामपंथी उग्रवाद, तटीय सुरक्षा, नारकोटिक्स, साइबर अपराध और आर्थिक सुरक्षा शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिनिधि अपने-अपने राज्यों में नए आपराधिक कानूनों और पहलों, और पुलिसिंग में सर्वोत्तम प्रथाओं के कार्यान्वयन में प्रगति की भी समीक्षा करेंगे।
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इससे पहले गृह मंत्री ने शुक्रवार को कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी के वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ और वर्ष 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के सपने को साकार करने में सुरक्षा प्रतिष्ठान की भूमिका को रेखांकित किया। गृह मंत्री ने पूर्वी सीमा पर उभरती सुरक्षा चुनौतियों, अप्रवास और शहरी पुलिस व्यवस्था के रुझानों पर ध्यान केंद्रित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने शून्य सहनशीलता नीति को लागू करने के लिए शून्य सहनशीलता रणनीति योजना और शून्य सहनशीलता कार्रवाई की दिशा में पहल करने का भी आह्वान किया।
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गृह मंत्री शाह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत अपने पुलिस बल को एक ऐसे तंत्र के रूप में तैयार कर रहा है जो नए युग की चुनौतियों के खिलाफ राष्ट्र की सुरक्षा और अपराध तथा आतंकवाद के मूल कारणों का समाधान करने में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि डीजी-आईजी सम्मेलन, सहयोग के माध्यम से हर राज्य में पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जानकारी और अनुभव साझा करने मंच के रूप में कार्य करता है।