नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के दौरे पर हैं। पीएम मोदी ने तमिलनाडु को 17,300 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी है। वहीं पीएम ने तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले के कुलसेकरपट्टिनम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक और स्पेसपोर्ट की आधारशिला रखी। यहां से छोटे सैटेलाइट्स लॉन्च किए जाएंगे।
बता दें कि अभी इसरो के पास आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में एक अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र ‘सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र’ है। ऐसे में पीएम मोदी द्वारा इसरो के स्पेसपोर्ट की आधारशिला रखने को लेकर भाजपा और वहां की द्रमुक सरकार के बीच बयानबाजी तेज हो गई है।
इसरो के इस दूसरे स्पेसपोर्ट की आधारशिला कार्यक्रम को लेकर द्रमुक सरकार की तरफ से पोस्टर लगाए गए थे और विज्ञापन दिए गए थे जिसमें वहां के सीएम एम.के. स्टालिन के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगी थी। लेकिन, इसमें जिस रॉकेट (अंतरिक्ष यान) की तस्वीर लगी थी उस पर चीन का झंडा लगा था। इसको लेकर तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने जमकर द्रमुक सरकार को निशाने पर लिया है।
अन्नामलाई ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि तमिलनाडु की द्रमुक सरकार में मत्स्य पालन, मछुआरा कल्याण और पशुपालन मंत्री अनिता थिरु राधाकृष्णन द्वारा आज प्रमुख तमिल दैनिकों को इस कार्यक्रम का विज्ञापन दिया गया। इस विज्ञापन की तस्वीर देख लें तो पता चल जाएगा कि यह विज्ञापन चीन के प्रति द्रमुक की प्रतिबद्धता और हमारे देश की संप्रभुता के प्रति उनकी पूर्ण उपेक्षा का प्रकटीकरण है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाली पार्टी द्रमुक, कुलसेकरपट्टिनम में इसरो के दूसरे अंतरिक्ष स्टेशन की घोषणा के बाद से ही पोस्टर चिपकाने के लिए बेताब है। लेकिन उनकी यह बेताबी उनके अतीत में लिए गए गलत निर्णयों को दबाने की कोशिश को साबित करती है, उन्हें याद रखना चाहिए कि द्रमुक ही थी जिसके कारण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र आज तमिलनाडु में न होकर, आंध्र प्रदेश में है।
के अन्नामलाई ने आगे लिखा कि जब इसरो के पहले लॉन्च पैड की परिकल्पना की गई थी, तो तमिलनाडु इसरो की पहली पसंद थी। तमिलनाडु के तत्कालीन सीएम थिरु अन्नादुरई ने, जो कंधे में गंभीर दर्द के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सके, बैठक में भाग लेने के लिए अपने एक मंत्री के.ए. मथियाझागन को नियुक्त किया था। इसके बाद इसरो के अधिकारियों को इस बैठक के लिए काफी देर तक इंतजार कराया गया और आखिरकार के.ए. मथियाझागन को “नशे की हालत” में बैठक में लाया गया और पूरी बैठक के दौरान वह नशे की हालत में रहे। अन्नामलाई ने लिखा कि द्रमुक में ज्यादा बदलाव नहीं आया है और उसकी हालत और खराब हो गई है।