नयी दिल्ली- अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर बन रहे नए मंदिर में रामलला के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में 22 जनवरी 2024 को होगी।
विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष एवं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को यहां बताया कि आज वह मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा, स्वामी विश्वप्रसन्न तीर्थ जी महाराज पेजावर मठ ,उडुपी, कर्नाटक, स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज पुणे (जो न्यास के कोषाध्यक्ष भी हैं ) के साथ प्रधानमंत्री श्री मोदी से मिले थे और उन्हें अयोध्या में अगले वर्ष 22 जनवरी को रामलला के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर पधारने के लिए औपचारिक निमंत्रण पत्र प्रस्तुत किया जिस पर प्रधानमंत्री ने सहजता से स्वीकृति प्रदान की।
श्री मोदी ने बाद में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में लिखा,“जय सियाराम! आज का दिन बहुत भावनाओं से भरा हुआ है। अभी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी मुझसे मेरे निवास स्थान पर मिलने आए थे। उन्होंने मुझे श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या आने के लिए निमंत्रित किया है। मैं खुद को बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं। ये मेरा सौभाग्य है कि अपने जीवनकाल में, मैं इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनूंगा।”
श्री चंपत राय ने बताया कि देश के 4000 संत महात्मा एवं समाज के 2500 प्रतिष्ठित महानुभाव इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बनेंगे।
उल्लेखनीय है कि नेपाल में गंडकी नदी से शालिग्राम की शिलाओं को मंगा कर उनसे विग्रह का निर्माण किया जा रहा है।
मंदिर निर्माण से जुड़े सूत्रों के अनुसार अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण का प्रथम चरण नवंबर के अंत तक पूरा हो जाने की संभावना है। मकर संक्रांति पर सूर्य नारायण के उत्तरायण होने के बाद 18 जनवरी से मंदिर के गर्भगृह में रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे तथा 22 जनवरी को विग्रह जन्मभूमि पर स्थापित होगा।