लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर आए धन्यवाद प्रस्ताव पर शनिवार को चर्चा के जवाब में विपक्ष पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि विरासत में सत्ता तो मिल सकती है, बुद्धि नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या यह सच नहीं है कि प्रयागराज की घटना से जुड़े अपराधी को सपा ने कई बार सदन में भेजने का काम किया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज की घटना के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस पर सपा के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और वेल में आकर प्रयागराज की घटना पर चर्चा कराने की मांग करने लगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसकी पहले सूचना नहीं है। नेता सदन का सुबह 11 बजे से बोलना तय था। बाद में चर्चा कराने के आश्वासन पर अखिलेश यादव अपनी सीट पर बैठे और सपा के अन्य सदस्य वेल से बाहर निकलकर अपनी सीट पर बैठे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने बोलना शुरू किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, मैं अध्यक्ष जी का आभारी हूं जिन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलने का मौका दिया। आप हमारी बातों से सहमत असहमत हो सकते हैं। प्रयागराज की घटना दुःखद है। दोषी बक्शा नहीं जाएगा। कार्रवाई जब होती है तो कायदे से होती है। यह सबको पता है कि यह माफिया किसके द्वारा पाले गए।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल मातृ शक्ति की प्रतीक हैं। संवैधानिक प्रमुख हैं। उनकी बातों का सम्मान होना चाहिए था। सदन में उनके लिए आचरण सही करना चाहिए था। एक महिला का विरोध। असंसदीय, अशिष्ट भाषा में नारे लगाना दुखद था। उन्होंने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि इन्हीं के शासनकाल में स्टेट गेस्ट हाउस कांड हुआ था। लड़के हैं गलती कर देते हैं, इन्ही के कार्यकाल की भाषा है। ये लोग प्रदेश की सुरक्षा की बात करते हैं। शर्म आनी चाहिए उन्हें। विरासत में सत्ता तो मिल सकती है लेकिन बुद्धि नहीं।।
मुख्यमंत्री ने कहा, मैं प्रदेश को आगे ले जाने की बात करता हूं। यह जाति की बात करते हैं। यह लोग यूपी को 10 साल पहले वाली स्थिति में ले जाना चाहते हैं। उन्होंने एक अखबार की कटिंग दिखाते हुए कहा कि अध्यक्ष जी इन्हीं की सरकार में यह हुआ है। 86 एसडीएम का चयन हुआ था। जारी….