पटना। बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से रविवार को आयोजित सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) की परीक्षा प्रश्न पत्र लीक की आशंका को लेकर रद्द कर दी गई। सोमवार को होने वाली परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया। परीक्षा रद्द किए जाने पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को कहा कि सीएचओ की हुई ऑनलाइन परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के बाद इसे रद्द करना पड़ा।
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बिहार में कोई भी ऐसी परीक्षा नहीं हो रही, जिसमें भाजपा, जदयू की घालमेल वाली सत्ता प्रायोजित धांधली नहीं हो रही है। राजद नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि गड़बड़ी सबके सामने आ गई तो मजबूरी में यह सरकार उसे रद्द करती है, अन्यथा परीक्षा को साफ-सुथरा करार देकर परीक्षा माफिया से हुई कमाई का बंदरबांट कर लिया जाता है। क्या यह सत्य नहीं है कि सभी परीक्षाओं के पेपर लीक माफ़िया के कर्ता-धर्ता प्रदेश के मुखिया के गृह जिले से ही संबंध रखते हैं?
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उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि जब तक जदयू-भाजपा सरकार है, कोई भी परीक्षा कदाचार मुक्त हो ही नहीं सकती है, क्योंकि परीक्षा माफिया के सदस्य हर बार सरकार के ही करीबी निकलते हैं। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या आपने कभी मुख्यमंत्री को किसी भी पेपरलीक पर बोलते सुना है? पेपरलीक और परीक्षा माफिया पर उनकी चुप्पी में ही लीक का रहस्य छुपा है।
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यह संयोग तो नहीं हो सकता है कि सभी परीक्षाओं एवं पेपर लीक के तार हमेशा एक विशेष जिले से ही जुड़े रहते हैं? इससे पहले इस परीक्षा में नकल और अन्य गड़बड़ियों की शिकायतें मिलीं। इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर 37 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। लगभग 4,500 पदों के लिए यह परीक्षा होनी थी। इस मामले में ईओयू ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि साक्ष्य के तौर पर कई चीजें बरामद की गई है। आर्थिक अपराध थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है।