शामली। 18 दिसंबर सन 2019 को एक लावारिस महिला प्रभुजी को मानव सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट सूरत में भर्ती किया गया था। 05. फरवरी सन 2020 में सूरत से अपना घर आश्रम भरतपुर स्थानांतरण किया गया। दिनाँक 12.जून सन 2021 को अपना घर आश्रम भरतपुर से अपना घर आश्रम शामली में स्थानांतरण किया गया था।
प्रभुजी की मानसिक स्थिति ठीक नही थी।प्रभुजी का इलाज डॉक्टर के परामर्श से किया गया। आश्रम के अच्छे वातावरण एवम् सेवा से प्रभु जी की मानसिक स्थिति में सुधार होने लगा। कार्यालय द्वारा प्रभु जी की कई बार काउंसलिंग की गई। लेकिन प्रभु जी अपने बारे में पूरी जानकारी नहीं दे पा रही थी। 15 फरवरी को प्रभुजी की फिर से काउंसलिंग की गई।
प्रभुजी द्वारा दी गई जानकारी को कार्यालय के जानकार सुनील राठौड़ को दी गई और उनसे विनती की गई, कि प्रभुजी की जो भी जानकारी उनको प्राप्त हो कृपया हमें सूचित करे और सुनील राठौड़ जो ने अगले ही दिन प्रभुजी के परिजनों से हमारा सम्पर्क कराया। प्रभुजी के पति लाड़का ने बताया कि वे बहुत जल्द अपनी पत्नी बेन कोर को लेने अपना घर आश्रम शामली आयेगे।
प्रभुजी की बात लगातार उनके परिजनों से होती रही और रविवार को प्रभुजी के पति एवं प्रभुजी का बेटा अरविन्द , बेनकोर प्रभुजी को लेने अपना घर आश्रम शामली आए। प्रभुजी के पति और प्रभुजी का बेटा बेनकोर प्रभुजी को देख कर बहुत खुश हुए। प्रभुजी के पति ने बताया कि नौ साल पहले उनकी पत्नी बेन कोर घर से बिना बताए निकल गयी थी और बहुत खोजने पर भी नहीं मिली।
आश्रम द्वारा आए फोन कॉल से उनको बेन कोर की जानकारी प्राप्त हुई । प्रभुजी के बेटे ने कार्यालय कार्यवाही पूर्ण की एवम् अपनी मम्मी बेन कोर को अपने साथ गांव डोंगरगांव जिला खरगोन, मध्य प्रदेश ले गए।