अयोध्या। अयोध्या में सावन झूला मेला और कांवड़ यात्रा की तैयारियां तेज हो चुकी है। सावन झूला मेला और कांवड़ यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा, स्वच्छता और सुविधाओं के व्यापक इंतजाम किए हैं।
इसी कड़ी में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने तैयारियों की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। बैठक में मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं के लिए परेशानी मुक्त अनुभव पर जोर दिया। उन्होंने स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था पर जोर दिया। सुरक्षा की दृष्टि से एटीएस और एसटीएफ की तैनाती, सीसीटीवी कैमरे लगाने पर जोर दिया गया। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि एक महीने के सावन मेले में लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि अयोध्या आने वाले श्रद्धालु यहां से एक अच्छा अनुभव लेकर जाएं। सीएम योगी का आदेश है कि श्रद्धालुओं के लिए अच्छी व्यवस्था हो।
जिस मार्ग से श्रद्धालु आते हैं, उस मार्ग में गड्ढे ना हो, सभी मार्ग व्यवस्थित हो। फिसलन वाली जगह पर कारपेट का इस्तेमाल किया जाए। श्रद्धालुओं के लिए लगने वाले कैंप हाईवे और एक्सप्रेस-वे से उचित दूरी पर हो ताकि एक्सीडेंट का खतरा न हो। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भंडारे वाली जगह पर साफ-सफाई हो, मंदिरों के पास भी सफाई की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। अयोध्या में सफाई के लिए 1,500 अतिरिक्त सफाई कर्मियों की तैनाती की जा रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 25 सहायता केंद्र बनाए जा रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं को जानकारी दी जा सके। चिकित्सा कैंप लगाए जाएंगे, जहां पर दवाओं के साथ ऑक्सीजन की भी व्यवस्था होगी।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहे, इसके लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए। अयोध्या में पर्याप्त सुरक्षा बल लगाया जाएगा, कांवड़ यात्रा के रास्ते और शिविर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाएगी। स्नान घाटों के साथ-साथ प्रमुख मंदिरों पर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी जाएगी। सुरक्षा के लिहाज से अधिक से अधिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। ड्रोन से लाइव स्ट्रीमिंग भी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मेले में एटीएस व एसटीएफ के जवान भी तैनात रहेंगे। किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए सरयू नदी में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के अलावा स्थानीय गोताखोरों को भी लगाया जाएगा। धार्मिक आयोजन को प्रभावित करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।