रांची। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को रांची के मेसरा स्थित बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) के प्लेटिनम जुबली समारोह को संबोधित करते हुए समाज में हाशिए पर खड़े लोगों के विकास के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किए जाने की जरूरत पर जोर दिया है।
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उन्होंने कहा कि तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी का लाभ समान रूप से समाज के सभी वर्गों को मिलना चाहिए। टेक्नोलॉजी और मानवता को एक-दूसरे का पूरक होना चाहिए। हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इस दृष्टिकोण पर बल दिया गया है। राष्ट्रपति ने बीआईटी मेसरा के गौरवशाली इतिहास और विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें गर्व है कि उन्हें झारखंड के राज्यपाल और इस विश्वविद्यालय के चांसलर के तौर पर कार्य करने का अवसर मिला है।
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झारखंड के साथ अपने आत्मीय संबंधों को अभिव्यक्त करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि वह जब भी यहां आती हैं, तो उन्हें महसूस होता है कि वह अपने घर आई हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत के पायनियर इंजीनियरिंग संस्थान के रूप में बीआईटी ने उच्चस्तरीय शैक्षणिक गुणवत्ता की अपनी परंपरा वर्षों से बनाए रखी है। खनन प्रधान और मैन्युफैक्चरिंग वाले क्षेत्र में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह पहला इंजीनियरिंग संस्थान है, जहां देश में सबसे पहले वर्ष 1964 में स्पेस टेक्नोलॉजी और रॉकेटरी का विभाग स्थापित हुआ था। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर बेहद खुशी हुई है कि इस संस्थान ने अब इंजीनियरिंग के ट्रेडिशनल पाठ्यक्रमों के अलावा क्वांटिटेटिव इकोनॉमिक्स, डेटा साइंस, ह्यूमनिटीज, एनीमेशन और मल्टीमीडिया के क्षेत्र में पाठ्यक्रम शुरू किए हैं।
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राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें खुशी होती है कि इस संस्थान के छात्रों, फैकल्टी और एलुमनाई ने समाज के सभी क्षेत्रों में अपनी नेतृत्व क्षमता साबित की है। इंजीनियरिंग, उद्योग, उद्यमिता, अनुसंधान, नवाचार, प्रशासन, साहित्य, खेल और पत्रकारिता के क्षेत्र में भी इस संस्थान से निकले लोग शीर्ष पर पहुंचे हैं। एआई और मशीन लर्निंग की बदौलत अर्थव्यवस्थाओं में तेजी से आ रहे बदलाव को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत की सरकार ने भी बदलते परिदृश्य में इन तकनीकों के उपयोग की दिशा में कई जरूरी कदम उठाए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ‘विकसित भारत’ के निर्माण में युवाओं का उत्साह और उनकी प्रतिबद्धता मील का पत्थर साबित होगी।
हमारी बेटियां विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, गणित में पीछे नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि उद्यमियों को पारंपरिक समुदायों के ज्ञान के आधार की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। कार्यक्रम को संबोधित करने से पहले राष्ट्रपति ने संस्थान के विभिन्न विभागों के छात्रों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। समारोह को झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, झारखंड सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार सहित अन्य ने संबोधित किया। इस मौके पर बीआईटी मेसरा के अध्यक्ष आरके बिड़ला और कुलपति प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना सहित कई महत्वपूर्ण लोग उपस्थित रहे।