नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र (आरबीसीसी) में एनआईएफ के 11वें द्विवार्षिक राष्ट्रीय ग्रासरूट इनोवेशन इनोवेशन और उत्कृष्ट पारंपरिक ज्ञान पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने आरबीसीसी के पास स्पोर्ट्स ग्राउंड में फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (फाइन) -2023 का भी उद्घाटन किया।
पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जमीनी स्तर पर नागरिकों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित नवोन्मेषी समाधानों के साथ आने और अपनी सर्वोत्तम क्षमताओं के अनुसार देश की सेवा करने की क्षमता है। नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) ऐसे इनोवेटर्स को प्रोत्साहित करने और उनका समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि एनआईएफ ने देश के 625 से अधिक जिलों से 32,5000 से अधिक तकनीकी विचारों, नवाचारों और पारंपरिक ज्ञान प्रथाओं का एक डेटाबेस तैयार किया है। उन्हें यह जानकर भी खुशी हुई कि एनआईएफ ने अपने विभिन्न पुरस्कार समारोहों में 1093 जमीनी नवप्रवर्तकों और स्कूली छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज हम न केवल इनोवेटर्स की उपलब्धियों बल्कि रचनात्मकता, इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप की भावना का जश्न मना रहे हैं। हम अपने आसपास हर दूसरे दिन छोटे-छोटे अविष्कार होते हुए देख सकते हैं। हमें बस उस क्रिएटिविटी और इनोवेशन को समझना और प्रोत्साहित करना है जो पहले से ही हर जगह मौजूद है।
राष्ट्रपति ने कहा कि रचनात्मकता को समर्थन देने और बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण पहलू बच्चों और युवाओं को प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करना है। चुनौतीपूर्ण समस्याओं के समाधान खोजने के लिए जिज्ञासा और पूछताछ की भावना आवश्यक है। हमारे बच्चों को बड़ा होकर समाधान प्रदाता बनना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे नागरिकों में देश की सेवा करने का जज्बा होना चाहिए। उन्हें देश में उत्पन्न होने वाली समस्याओं और मुद्दों को समझने की कोशिश करनी चाहिए और उन्हें हल करने में योगदान देने के लिए जिम्मेदार महसूस करना चाहिए, भले ही वह छोटे पैमाने पर हो। उन्होंने नवप्रवर्तकों, उद्यमियों, पारंपरिक ज्ञान धारकों और उद्योग के प्रतिनिधियों से पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ समाधान खोजने और इस दिशा में नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए एक साथ आने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि फाइन एक अनूठा प्रयास है जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को बढ़ावा देता है और नागरिकों को उद्यमिता शुरू करने और भारत और विदेशों में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि उद्यमशीलता की भावना और चुनौतीपूर्ण समस्याओं का समाधान खोजने के उत्साह को प्रोत्साहित और पुरस्कृत किया जाना चाहिए।