नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के मुखवा गांव स्थित मुखीमठ मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मंदिर को गंगा नदी का शीतकालीन निवास माना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और मां गंगा से आशीर्वाद लिया। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग मंदिर पहुंचे। सर्दियों के मौसम में दिवाली के दिन प्रसिद्ध गंगोत्री मंदिर में स्थित देवी गंगा की मूर्ति को मुखबा के मुखीमठ मंदिर में ले जाया जाता है। यह स्थानांतरण इसलिए होता है क्योंकि भारी बर्फबारी और कम तापमान के कारण गंगोत्री मंदिर बंद हो जाता है।
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छह महीने तक गंगा की मूर्ति की पूजा मुखीमठ मंदिर में की जाती है, जब तक कि गर्मियों में गंगोत्री मंदिर फिर से नहीं खुल जाता। मंदिर के फिर से खुलने पर, मूर्ति को उत्सव से भरे एक भव्य जुलूस के साथ गंगोत्री मंदिर में वापस लाया जाता है। देहरादून के जॉलीग्रांट हवाई अड्डे पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। सीएम धामी ने ट्वीट कर कहा, “मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा (उत्तरकाशी) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया। हर्षिल-मुखवा की पावन धरती पर प्रधानमंत्री मोदी का आगमन एक ऐतिहासिक क्षण है।” उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा मुखिमनाथ (मुखवा) को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने तथा राज्य की सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत को मजबूत करने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, “मुखवा में इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनकर हम सभी गौरवान्वित हैं। समस्त प्रदेशवासियों की ओर से यशस्वी प्रधानमंत्री का देवभूमि उत्तराखंड के शीतकालीन दौरे पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन।” इससे पहले बुधवार को यात्रा की जानकारी साझा करते हुए पीएम मोदी ने एक्स को लिखा, “मुझे बहुत खुशी है कि देवभूमि उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार ने इस वर्ष शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया है। इससे जहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं होमस्टे सहित कई स्थानीय व्यवसायों को भी फलने-फूलने के अवसर मिल रहे हैं।” उन्होंने कहा, “मैं मुखवा में पतित पावनी मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल के दर्शन के लिए बहुत उत्साहित हूं।
यह पवित्र स्थान अपने आध्यात्मिक महत्व और अद्भुत सौंदर्य के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इतना ही नहीं, यह ‘विरासत भी और विकास भी’ के हमारे संकल्प का एक अनूठा उदाहरण है।” उन्होंने कहा, “देवभूमि उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देकर राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।” यात्रा से एक दिन पहले, प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने उत्तराखंड में दो प्रमुख रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दी।
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे प्रोजेक्ट 4,081.28 करोड़ रुपये की पूंजी लागत से डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मॉडल के तहत बनाया जाएगा। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक 12.4 किलोमीटर लंबा एक और रोपवे 2,730.13 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत किया गया है। ये रोपवे परियोजनाएं न केवल तीर्थयात्रियों के लिए अंतिम मील तक कनेक्टिविटी बढ़ाएंगी, बल्कि निर्माण और परिचालन दोनों चरणों के दौरान पर्याप्त रोजगार के अवसर भी पैदा करेंगी। इन परियोजनाओं से क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की उम्मीद है, जिससे आतिथ्य, यात्रा, खाद्य एवं पेय पदार्थ तथा पर्यटन जैसे उद्योगों को लाभ होगा।