रायपुर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी के महाधिवेशन में कहा कि किसानों की आमदनी घट रही है, नौजवानों के रोजगार कम होते जा रहे हैं और महंगाई बढ़ती जा रही है। किसानों के कर्ज माफ नहीं होते, लेकिन बड़े-बड़े उद्योगपतियों के होते हैं, ये सब बातें हमें पब्लिक में ले जानी हैं। प्रियंका ने कहा, “संगठन के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है। उस चुनौती का सामना हम कैसे करेंगे, इसी के लिए हम इकट्ठे हुए हैं और तीन दिनों से चर्चा चल रही है, इसके बारे में कुछ एक-दो अपनी बातें कहना चाहती हूं। खासतौर से उन कार्यकर्ताओं के लिए जो देशभर में हैं, लेकिन आज यहां उपस्थित नहीं है।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस का कार्यकर्ता कौन है- वो अनोखेलाल हैं, जो इस झंडे को लेकर कन्याकुमारी से कश्मीर तक चले। वो दिनेश है, जो आज दिख नहीं रहा है, जो इसी तरह से देश के ध्वज को लेकर नंगे पांव चला। कल किसी ने नसीब पठान जी का नाम लिया, उत्तर प्रदेश के एक नेता थे, आजीवन कांग्रेस के प्रति उन्होंने निष्ठा दिखाई, उसी तरह से मैं कई नाम ले सकती हूं।”
प्रियंका ने कहा, “कल जब शोक प्रस्ताव हुआ, ईश्वर चंद्र शुक्ला जी का नाम लिया, लेकिन ईश्वर चंद्र शुक्ला जी को चुनाव में टिकट नहीं मिला, फिर भी उन्होंने प्रचार किया और प्रचार करते-करते उनका देहांत हो गया, मैं पच्चू पासी का नाम ले सकती हूं, जो रोज सुबह वही सफेद जूते पहनकर गांव-गांव जाते थे, कांग्रेस के लिए प्रचार करते थे, कांग्रेस का झंडा फहराया करते थे, उनका भी देहांत हुआ।”
उन्होंने कहा, “यूपी में हम मजाक में कहते हैं कि एक लाइफलॉन्ग कांग्रेस सफरर होता है, जो यूपी के कार्यकर्ता हैं, वे समझेंगे ये बात। जो कार्यकर्ता आजीवन अपने वजूद के लिए संघर्ष करता है, मैं आज थोड़ा उसके पक्ष में बोलना चाहती हूं और मैं कहना चाहती हूं कि जब भी हम इकट्ठे होते हैं, तो नए-नए प्रस्ताव लाते हैं और ये सही है, हमने कहा है कि मंडल तक हमें अपना संगठन बनाना है, ब्लॉक तक बनाना है, नए लोगों को जोड़ना है, लेकिन ये कर्मकांड नहीं होना चाहिए, ये प्रस्ताव कागज पर नहीं रहना चाहिए, हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम गांव-गांव जाएं, ब्लॉक-ब्लॉक जाएं और अपने संगठन को मजबूत बनाएं।”
प्रियंका गांधी ने कहा, “कांग्रेस पार्टी इन तीन दिनों में जितने भी प्रस्ताव ला रही है, जैसे- किसानों के लिए, मैं आज पढ़ रही थी कि एक प्रस्ताव है, न्याय योजना की तरह हमें किसानों के लिए एक योजना बनानी है। तो ये सब बातें पब्लिक तक पहुंचाना हमारा काम है और इसमें आपकी बहुत अहमियत है। तो एक साथ हमें काम करना पड़ेगा, चाहे महिलाओं के लिए, उनके विकास के लिए, चाहे ये समझाना कि जबकि देश का किसान आज कर्ज में डूब रहा है, मुश्किलों से घिरा हुआ है, लेकिन जमीन प्रधानमंत्री जी अपने दोस्तों को मुफ्त में दिलवा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “आज हमें देश को दिखाना पड़ेगा कि किस तरह कुछ गिने-चुने उद्योगपति आगे बढ़े जा रहे हैं, उनकी आमदनी दोगुनी-तिगुनी बढ़ती जा रही है और किसान की आमदनी कम होती जा रही है, नौजवानों के रोजगार कम होते चले जा रहे हैं, महंगाई बढ़ती जा रही है, किसानों के कर्ज माफ नहीं होते, लेकिन बड़े-बड़े उद्योगपतियों के होते हैं, ये सब बातें हमें पब्लिक में ले जानी हैं।”