महाकुंभनगर- दुनिया के सबसे बडे सनातन पर्व महाकुंभ-2025 को लेकर खालिस्तान समर्थक आतंकवादी पन्नू की धमकी को लेकर साधु-संतों में आक्रोश है।
साधु संतो की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने आक्रोश व्यक्त करते हुए खालिस्तानी आतंकी पन्नू की धमकियों को एक गीदड़ भभकी करार दिया है। उन्होंने कहा अगर महाकुंभ मेला क्षेत्र में वह आ जायेगा तो उसको सनातन धर्म के रक्षक अखाड़े के नागा यमलोक पहुंचा देंगे।
मुजफ्फरनगर में महिला की संदिग्ध मौत, पति-ससुर गिरफ्तार, मासूम बीमार बच्चा हुआ लावारिस
परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि सिख और हिंदू एक हैं। सनातन धर्म की रक्षा के लिए तमाम सिख साधु संतों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है। पन्नू जैसे लोंगों की संकीर्ण मानसिकता है कि वह सिख और सनातन को अलग समझते हैं। यह पहला मौका नहीं है, पन्नू इससे पहले भी चर्चा में आने के लिए सनातन धर्म को लेकर धमकियां दी हैं। जब मुगल और अंग्रेज सनातन धर्म का कुछ बिगाड़ नहीं सके हैं तो खालिस्तानी आतंकी पन्नू की क्या हैसियत है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन, दिल्ली एम्स में ली आखिरी सांस
श्रीमहानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत यमुना पुरी ने कहा कि हमारे सूचना तंत्र को हल्के में नहीं लेना चाहिए। महाकुंभ मेले में किसी श्रद्धालु को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। हमारी सेना जब किसी देश में घुस कर आतंकियों को मजा चखा सकती है तो पन्नू जैसों कि विसात ही क्या है।
उन्होंने कहा कि सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए। किसी भी घटना को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पन्नू जैसे दुष्ट लोगों के साथ कड़ाई से निपटना चाहिए।
दरोगा ने ज़मीन कब्जवाने के लिए वकील को पिला दिया ज़हर, 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
सिखों से जुड़े अखाड़े श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्री महंत दुर्गादास जी महाराज ने कहा कि ऐसे गीदड भभकी से कोई डरने वाला नहीं है। अगर उसने सनातन के सबसे महत्वपूर्ण मेले में आने का साहस किया तो उसका अंत निश्चित है। उन्होंने कहा कि सिक्खों के नाम पर देश दुनिया के लोगों को भड़काने वाले आतंकी पन्नू को ये पता है कि सिख का
मतलब ही शिष्य होता है और सिख भी सनातनी ही हैं। उनके गुरुओं ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति तक दी है।
उन्होंने कहा कि 13 अखाड़े में तीन अखाड़े ऐसे हैं जो सिख धर्म से ही संबंधित हैं। जहां पर अखाड़े के अंदर गुरु ग्रंथ साहब का पाठ करने के साथ ही सनातन धर्म ग्रंथों का भी पाठ पढ़ाया जाता है।