नई दिल्ली। ‘संसदीय सवालों के बदले पैसे’ के कथित आरोप का सामना कर रहीं तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा आचार समिति की बैठक से गुस्से में बाहर निकल गई थीं और उन्होंने निजी व अनैतिक सवाल पूछेे जाने का आरोप लगाया था। आचार समिति ने अब अगली बैठक 7 नवंबर को बुलाई है।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, “सांसद निशिकांत दुबे द्वारा सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ 15 अक्टूबर को दी गई शिकायत पर उनके कथित अनैतिक आचरण के संदर्भ में पूछताछ के लिए अगली बैठक 7 नवंबर को दोपहर 12 बजे होगी।”
पहली बैठक 2 नवंबर को हुई थी। पूछताछ के कुछ देर बाद महुआ मोइत्रा आचार समिति के विपक्षी सदस्यों के साथ अचानक बैठक से बाहर चली गई थीं। उन्होंने समिति के अध्यक्ष पर उनसे व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल पूछने का आरोप लगाया था। जबकि समिति अध्यक्ष विनोद सोनकर का कहना था कि महुआ जवाब देने के बजाय असंसदीय शब्दों का प्रयोग करने लगीं।
सोनकर ने कहा था, “समिति का उद्देश्य उन पर लगे आरोपों की जांच करना था। सहयोग करने के बजाय वह क्रोधित हो गईं और समिति के विपक्षी सदस्यों उत्तम कुमार रेड्डी, दानिश अली और गिरधारी यादव के साथ बाहर चली गईं। सवालों को अनैतिक बताते हुए उन्होंने अध्यक्ष के खिलाफ असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया।”
उन्होंने कहा था कि वह दर्शन हीरानंदानी के आरोपों का सामना कर रही हैं, लेकिन बैठक से अचानक बाहर निकलकर और सार्वजनिक रूप से बयान देकर उन्होंने मुद्दे को भटका दिया है। सोनकर ने कहा था, “समिति की बैठक फिर होगी और आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या समिति ने उनसे व्यक्तिगत सवाल पूछे, तो आचार समिति के अध्यक्ष ने कहा, “उन्होंने केवल खुद को सवालों से बचाने के लिए इस चाल का इस्तेमाल किया।”
महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि उनके खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोप पर सुनवाई के दौरान उन्हें आचार समिति के अध्यक्ष द्वारा “शाब्दिक वस्त्रहरण” का शिकार होना पड़ा।
समिति के विपक्षी सदस्यों उत्तम कुमार रेड्डी, दानिश अली और गिरधारी यादव ने मीडिया से कहा था कि महुआ से नितांत व्यतिगत सवाल पूछे गए, जैसे कि आप रात में फोन पर किससे बात करती हैं।
आचार समिति भाजपा सांसद दुबे के इस आरोप की जांच कर रही है कि महुआ मोइत्रा ने दुबई में रहने वाले व्यवसायी हीरानंदानी के कहने पर व्यवसायी गौतम अडानी के बारेे में लोकसभा में सवाल पूछेे और इसके एवज में उनसे पैसे लिए और उपहार लिया।
पिछले गुरुवार को दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई ने आचार समिति के समक्ष महुआ मोइत्रा के खिलाफ बयान दिया था, जिसे “मौखिक साक्ष्य” बताया जा रहा है।