मुजफ्फरनगर। महाविद्यालय में बुधवार को संस्कृत भारती की जिला संयोजिका डॉ संगीता चौधरी के निर्देशन में बीएड विभाग की ओर से चित्रकला प्रतियोगिता कराई गई। इससे पूर्व जन सामान्य को संस्कृत भाषा के प्रति जागरूक करने के लिए जन जागृत रैली निकाली गई।
संस्कृत संभाषण पुस्तिका का वितरण किया गया और छात्राओं द्वारा अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसमें संगीत विभाग की प्रवक्ता डॉ शिवानी गुप्ता के निर्देशन में खुशबू, पाईना, सलोनी, गायत्री द्वारा कालिदासो जने जने गीत को गाया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रिया मित्तल, डॉ प्रतिभा चौधरी,विनीत कुमार आर्य और ज्योति नामदेव का विशेष योगदान रहा l कार्यक्रम का संचालन बी ए विभाग की छात्रा निकिता ने कियाl बीएससी विभाग की प्रवक्ता डॉ रेनू ने संस्कृत के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किये l
बीकॉम विभाग की प्रवक्ता डॉ मेघा चौधरी द्वारा संस्कृत के श्लोकों द्वारा छात्राओं को अपने जीवन में सफल बनाने के महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। मुख्य अतिथि विनीत सिवाच विभिन्न क्षेत्रों में संस्कृत का स्थान, महत्व और अनिवार्यता के बारे में विस्तार पूर्वक छात्राओं को बतायाl डॉ योगिता शर्मा ने छात्राओं को बताया कि संस्कृत, संस्कार और संस्कृति एक दूसरे से जुड़े हुए हैं अगर हम संस्कृत भाषा को बोलेंगे तो हमारे अंदर संस्कार पैदा होंगे जो हमें संस्कृति से जोड़ेंगे l
डॉ संगीता चौधरी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश में जो जन्म लेता है उसके लहू में गौरव, स्वाभिमान का भाव स्वतः बहता है हमारी संस्कृति में वे सभी रंग मौजूद है जो विश्व में एक पहचान दिलाते हैं फिर वह चाहे हमारा आध्यात्मिक ज्ञान हो, समृद्ध साहित्यिक धरोहर हो या फिर हमारी भाषा हो जो जीवन का मूल आधार है>
जीवन का यही सार संस्कृत भाषा में निहित हैऔर जिनकी श्रुतियों में ब्रह्मांड के सारे रहस्य मौजूद है हम लोग विदेशी चीजों से प्रभावित होकर अपनी संस्कृति को छोड़ते हैं जो हमारी बहुत बड़ी क्षति है इसलिए हमें सहज रूप से संस्कृत को अपनाना चाहिए अंत में उन्होंने छात्राओं के भविष्य की कामना करते हुए कहा कि अमृत महोत्सव आपके लिए अमृत काल के समान हैआप सभी साधारण जीवन शैली जिए को अपनाये और सुखी रहेl