चंडीगढ़। पंजाब में नकदी संकट से जूझ रही आप सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल की कीमत में 61 पैसे और डीजल की कीमत में 92 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की और सात किलोवाट से अधिक लोड पर बिजली सब्सिडी भी खत्म कर दी। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
एक अन्य बड़े फैसले में मान सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार की उस योजना को रद्द कर दिया, जिसके तहत सात किलोवाट तक के बिजली लोड वालों को सब्सिडी दी जाती थी। इन निर्णयों को उचित ठहराते हुए वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने मीडिया को बताया कि इससे 1,500-1700 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिलेगी। ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से राज्य को सालाना 392 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिलेगी। हालांकि 90 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। यह योजना 2023 से लागू है। साथ ही राज्य कृषि क्षेत्र को मुफ्त बिजली प्रदान करता है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए यह कदम उठाया है। वहीं आलोचकों का कहना है कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का असर आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर पड़ेगा। पहले से ही आवश्यक वस्तुओं की कीमतें अधिक हैं और ईंधन की कीमतों में वृद्धि से स्थिति और भी खराब होने की संभावना है।
आप पंजाब ने एक्स पर लिखा, “मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कैबिनेट मंत्रियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। इसमें पंजाब की प्रगति से संबंधित कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई। आप सरकार का लक्ष्य शासन में सुधार लाना और पंजाब में निरंतर विकास सुनिश्चित करना है।” वहीं पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन पंजाब के प्रवक्ता मोंटी सहगल ने आईएएनएस से कहा, “सरकार पेट्रोलियम व्यापार को खत्म कर रही है, क्योंकि दो सालों में यह तीसरी बढ़ोतरी है।” उन्होंने कहा कि सरकार को सीएनजी जैसे हरित ईंधन पर वैट कम करना चाहिए, ताकि इसे डीजल से सस्ता बनाया जा सके और पंजाब में इसका उपयोग बढ़ाया जा सके। कैबिनेट के फैसले से पहले जालंधर में पेट्रोल की कीमत 96.17 रुपये और डीजल की कीमत 86.32 रुपये थी।