चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शुक्रवार को अमृतसर के श्री हरमंदिर साहिब गोल्डन मंदिर में माथा टेकने पहुंचे। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि, मेरा सौभाग्य है कि यहां आकर नतमस्तक होने का मौका मिला। मैंने गुरुओं के चरणों में हरियाणा के विकास की कामना की। प्रदेश का हर व्यक्ति खुश हो, तरक्की करे, मैंने यही प्रार्थना की है। यहां आकर मन को बहुत शांति और ऊर्जा मिलती है।
गुरुओं ने जो रास्ता दिखाया है, हमें उस पर चलना चाहिए। पंजाब से पानी मिलने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि, पंजाब हरियाणा से अलग नहीं है, हम एक ही परिवार के दो भाई हैं। सूबा बड़ा था, इसलिए विकास की परिस्थितियां नहीं बन सकीं, इसके चलते इसे अलग होना पड़ा। पंजाब, हरियाणा का बड़ा भाई है। मुझे उम्मीद है की पंजाब छोटे भाई हरियाणा को पानी के मामले में निराश नहीं करेगा। हरियाणा की भूमि पंजाब से पानी का इंतजार कर रही है। हमें पूरा भरोसा है कि, पंजाब बड़े भाई के नाते हरियाणा को पानी देगा।
दरअसल, हरियाणा और पंजाब के बीच पानी का विवाद बहुत पुराना है। 1966 में हरियाणा राज्य के गठन के साथ ही यह विवाद शुरू हो गया था। हरियाणा में खेतों की सिंचाई के लिए पानी की बेहद कमी थी। केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद सतलुज-यमुना लिंक नहर को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच जल संधि हुई थी।