गाजियाबाद। स्पेन में मेडिकल की पढ़ाई और पीजी कोर्स कराने के बहाने दिल्ली-एनसीआर के लोगों से धोखाधड़ी के मामले में मुख्य आरोपी अर्चना गौतम को बी-वारंट पर लाया गया। उसने अपने बयान में मामले का मास्टरमाइंड स्पेन में बैठी डॉ. सस्मिता नंदा को बताया है। वह उसके खाते में अधिकांश रकम जमा करती थी। इस बीच वह अपने खाते में जमा धनराशि के बारे में जवाब नहीं दे सकी। पुलिस दोबारा उसकी रिमांड के लिए अर्जी देगी।
दिल्ली के प्रमोद राघवन ने शिकायत दी कि कौशांबी के एंजल मेगा मॉल में द इंटरनेशनली नाम से ऑफिस खोलकर विदेश से एमबीबीएस और पीजी कोर्स कराने के नाम पर छात्र-छात्राओं से लाखों रुपये वसूले गए। 35-40 छात्रों को जाल में फंसाकर गिरोह के सदस्यों ने स्पेन भेज दिया था। उनमें से अधिकांश छात्र-छात्राएं डेढ़-दो साल से भाषा कोर्स कर रहे हैं। जबकि कई अभ्यर्थी वहां फंसे हुए हैं। मई में मुंबई पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर गिरोह की मुख्य आरोपी अर्चना गौतम को गिरफ्तार कर लिया था। इसी मामले में जुलाई माह में हरिद्वार कोतवाली और फिर कौशांबी थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई।
डीसीपी निमिष पाटिल का कहना है कि अर्चना को कोर्ट में लाया गया था। उसे ट्रेन से गाजियाबाद लाया गया था। पेशी के बाद उससे पूछताछ में अहम सुराग नहीं मिले। उसका सिर्फ यह कहना था कि डॉ. सस्मिता नंदा ने कोर्स कराने के लिए तरीका बताया था। वह दाखिले की ज्यादा रकम डॉ. नंदा के खाते में जमा करती थी। शाम छह बजे ही मुंबई पुलिस उसे जेल के लिए लेकर चली गई।