नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने शुक्रवार को 2001 के आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर बड़े सुरक्षा उल्लंघन की जांच और संसद में चर्चा की मांग की। राघव चड्ढा ने यह भी सवाल उठाया कि व्यक्तियों ने बहुस्तरीय सुरक्षा जांच कैसे पास की, किसने उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी और 2001 के आतंकवादी हमले की बरसी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल ठीक से क्यों नहीं बनाए रखा गया।
बड़ी सुरक्षा चूक पर चिंता जताते हुए आप नेता ने कहा कि संसद भवन हमारे देश की सबसे सुरक्षित इमारत मानी जाती है। राघव चड्ढा ने पूछा, ”अगर संसद भवन सुरक्षित नहीं है तो देश के बाकी हिस्सों का क्या होगा? क्या भारत सुरक्षित है?”
राघव चड्ढा ने मांग की कि घटना की जांच की जाए और जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश की जाए। सभी गैर-बीजेपी सांसदों की एक जायज मांग है कि इस मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए और संसद की सुरक्षा के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
यह भी मांग की कि गृह मंत्री अमित शाह और इसमें शामिल सभी सुरक्षा एजेंसियों को इस मामले पर बात करनी चाहिए और सरकार को सुरक्षा उल्लंघन के बारे में देश को सूचित करते हुए चर्चा करनी चाहिए कि क्या हुआ था और देश तथा संसद सदस्यों दोनों को विश्वास में लेना चाहिए।
सरकार को जवाबदेह ठहराना पक्षपातपूर्ण राजनीति नहीं है। इस मामले पर सरकार की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। ‘संसद में सुरक्षा उल्लंघन पर राजनीति’ के सरकार के आरोपों का खंडन करते हुए राघव चड्ढा ने पूछा, ”अगर संसद सुरक्षित नहीं है, तो क्या देश सुरक्षित माना जा सकता है?”
उन्होंने पूछा, ”यह उस इमारत की सुरक्षा में सेंध का मामला है, जिसे भारत में सबसे सुरक्षित माना जाता है। अगर हम सरकार से जवाब नहीं मांगेंगे, तो फिर किससे मांगेंगे?”