मेरठ। पंजाब के शंभू रेलवे स्टेशन पर चल रहे किसानों के धरने के कारण शालीमार एक्सप्रेस और जालंधर इंटरसिटी सुपर एक महीने से रद्द हैं। अभी इनके बहाल होने की उम्मीद नहीं है, जो ट्रेनें चल रही हैं उनमें अधिकतर 10 से 12 घंटे की देरी से आ रही हैं। वहीं, यात्री बिठाने के विवाद में रोडवेज की व्यवस्था भी कई दिनों से ठप है। मेरठ डिपो की बसों को नोएडा, शामली और बागपत के बस अड्डों से सवारी नहीं लेने दिया जा रहा है। इन समस्याओं की मार यात्रियों पर पड़ रही है।
19 अप्रैल से ट्रेनों को संचालन बिगड़ा हुआ है। पंजाब होकर आने जाने वाली 69 ट्रेन रद्द चल रही हैं, जबकि 108 ट्रेनों को मार्ग बदलकर चलाया जा रहा है। 15 ट्रेनें ऐसी हैं, जो अपनी पूरी यात्रा नहीं कर रही हैं। उन्हें पंजाब नहीं भेजा जा रहा है। इन ट्रेनों में दिल्ली-मेरठ-सहारनपुर से होकर चलती वाली शालीमार एक्सप्रेस ट्रेन भी है।
इसे बाडमेर-जैसलमेर से दिल्ली तक ही चलाया जा रहा है। दिल्ली से जम्मूतवी के बीच यह ट्रेन एक महीने से रद्द है, उसकी 18 बोगियां मेरठ सिटी स्टेशन पर खड़ी है। जालंधर इंटरसिटी सुपर भी एक महीने से रद्द चल रही है। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी दीपक कुमार के अनुसार शालीमार और सुपरफास्ट अभी रद्द रहेंगी। गोल्डन टेंपल, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेेस, सूबेदारगंज सुपरफास्ट, इंदौर-अमृतसर एक्सप्रेस रविवार को भी आठ से 12 घंटे की देरी से आईं।