Thursday, September 19, 2024

दिल्ली सरकार की लापरवाही और उदासीनता के कारण हुयी राजेन्द्र नगर घटना- मंत्री

नयी दिल्ली। केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि राजधानी के राजेन्द्र नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में करंट लगने से तीन छात्रों की मृत्य जैसे मामले दिल्ली सरकार की लापरवाही और उदासीनता के कारण हुयी है और इसके लिए कुछ सिविक एजेंसियां भी जिम्मेदार है।

लाल ने सदन में इस मुद्दे पर हुयी अल्पकालिक चर्चा का उत्तर देते हुये कहा कि तीन छात्रों की मृत्य न केवल उस परिवार का बल्कि देश के लिए भी नुकसान हैं। बचाव कार्य किया गया जिससे 28-29 छात्रों को बचाया जा सका। इसके लिए जिम्मेदारी निर्धारित करनी पड़ेगी। प्राकृतिक घटना में जिम्मेदारी तय करना मुश्किल होता है, लेकिन इस तरह की घटनाओं में तय की जानी चाहिए। इसमें सरकारी एजेंसियों जैसे दिल्ली नगर निगम और अग्निशमन विभाग की जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने बताया कि अग्निशमन विभाग ने इस वर्ष जुलाई में ही उस कोचिंग सेंटर को लाइसेंस दिया था । बेसमेंट में स्टोरेज का लाइसेंस दिया गया था।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इसी तरह की घटना मुखर्जी नगर में हुयी थी और वह मामला अदालत तक गया था। अदालत ने सभी कोचिंग संस्थानों का सर्वे कराने का आदेश दिया था जिसमें पिछले वर्ष 1120 ऐसे संस्थानों को नोटिस जारी किया गया था। संस्थानों को सिर्फ नोटिस जारी किया गया और कोई कार्रवाई नहीं की गयी।

लाल ने कहा कि वह हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उन्हें नगरों में नाले की साफ सफाई का काम कराने का अनुभव है। हर वर्ष जनवरी में नाले की सफाई की कार्ययोजना बनायी जाती है और मई तक इसको पूरा किया जाता है। मई में समीक्षा की जाती है और उसमें जो कमी रहती उसे पूरा किया जाता है, लेकिन दिल्ली सरकार नाले की सफाई पर ध्यान नहीं देती है।

उन्होंने कहा कि राजेन्द्र नगर में जहां यह घटना हुयी है वहां 40 वर्ष पुराना नाला है और यह 15 से 20 फुट गहरा है। यह दिल्ली में बीचोंबीच है और यह नाला आगे नजफगढ़ से होते हुये आगे तक जाता है। गुरूग्राम में इन नाले के कारण हजारों एकड़ में पानी भर जाता है। जब वह मुख्यमंत्री थे जब कई बार दिल्ली सरकार को नाले की सफाई के लिए लिखे थे, लेकिन दिल्ली सरकार ने कोई पहल नहीं की तब उप राज्यपाल और केन्द्र सरकार को पत्र भेजा गया और तब जाकर नाले की सफाई की गयी जिसमें 20 हजार टन मलवा निकला था।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस मामले में दिल्ली नगर और अग्निशमन विभाग की भी लापरवाही है। अब तक कुछ लोगों पर मामला दर्ज किया गया है और जिनको भी जरूरत होगा उनका नाम इसमें जोड़ा जाना चाहिए। इस तरह की घटना को रोकने के लिए योजना बनाकर काम करने की जरूरत है। आपदा बचाव को भी मजबूत बनाये जाने की जरूरत है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,334FansLike
5,410FollowersFollow
107,418SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय