नयी दिल्ली। उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए स्वदेशी नवाचार और साझीदारी को बढ़ावा देने के वास्ते सोमवार को यहां डिफकनेक्ट 2024 का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।
इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस-डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइजेशन (आईडीईएक्स-डीआईओ) मानेकशॉ सेंटर में डिफकनेक्ट 2024 का आयोजन कर रहा है। डिफकनेक्ट 2024 देश के रक्षा नवाचार परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो सशस्त्र बलों, रक्षा उद्योग के प्रमुख उद्यमियों, स्टार्ट-अप, शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं सहित सभी महत्वपूर्ण हितधारकों को एक साथ लाता है।
इस आयोजन का उद्देश्य सार्थक जुड़ाव को बढ़ावा देना, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करना और रक्षा क्षेत्र में सहयोग, नवाचार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक परिवर्तनकारी मंच बनने के लिए होना है। यह आयोजन रक्षा क्षेत्र में भारत के अग्रणी उद्योगों से बड़ी संख्या में नवप्रवर्तकों और निवेशकों को आकर्षित करेगा।
आईडीईएक्स का ढांचा सैन्य कर्मियों को सह-विकास मॉडल के तहत नवप्रवर्तकों के साथ काम करने की अनुमति देता है। वे अंतिम-उपयोगकर्ता, नोडल और डोमेन विशेषज्ञ के रूप में कार्य करते हैं। यह सहयोग अंतिम उपयोगकर्ता की विशेषज्ञता और अंतर्दृष्टि का लाभ उठाकर नवाचार को निर्देशित करने और मौजूदा प्लेटफार्मों में प्रगति को सुचारू रूप से एकीकृत करने में मदद करता है।अब तक, आईडीईएक्स ने डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज के 10 राउंड और ओपन चैलेंज के 11 राउंड लॉन्च किए हैं, जिनमें ट्राई-सर्विसेज रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, भारतीय तट रक्षक, सीमा सड़क संगठन और अन्य एजेंसियाें की चुनौतियों के खिलाफ व्यक्तिगत इनोवेटर्स और स्टार्ट-अप से 9,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
इस कार्यक्रम में आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मद्देनजर ‘परिवर्तन की वाहक महिलाएं’ विषय पर एक महिला पैनल चर्चा भी होगी। आईडीईएक्स विजेताओं द्वारा विकसित अत्याधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन सभी आगंतुकों के लिए मुख्य आकर्षण होगा। यह आईडीईएक्स स्टार्ट-अप से मिलने और उनकी नवीन तकनीकों को समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 2018 में लॉन्च किया गया आईडीईएक्स, अनिवार्य रूप से रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में विभिन्न हितधारकों के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान करता है। यह इस विशिष्ट क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास और संभावित सहयोग की निगरानी के लिए अम्ब्रेला संगठन की तरह कार्य करता है।