Tuesday, June 25, 2024

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए सेनाओं का एकीकरण जरूरी: राजनाथ

नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निरंतर बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य के बीच तीनों सेनाओं के एकीकरण और उनके बीच तालमेल बढ़ाने पर बल दिया है।

सिंह ने मंगलवार को शुरू हुए नौसेना के शीर्ष कमांडरों के तीन दिन के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया । उन्होंने समुद्र में नौसेना की ‘ट्विन-कैरियर ऑपरेशन’ संचालित करने की क्षमता को भी वहां जाकर देखा। इस दौरान नौसेना के दोनों विमानवाहक पोतों ने भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए नौसेना की बढ़ती क्षमताओं का प्रदर्शन किया।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

रक्षा मंत्री ने नौसेना कमांडरों को संबोधित करते हुए हिंद महासागर क्षेत्र में बहुआयामी क्षमताओं को बढ़ाने और लगातार नेतृत्व की भूमिका में उभरने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुसार क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) के अनुरूप, हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि की दिशा में काम करने के लिए नौसेना के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना के समुद्री डकैती विरोधी अभियानों की न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में सराहना की जा रही है।

सिंह ने वैश्विक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के अलावा, समुद्री सुरक्षा और भारत की संप्रभुता बनाए रखने में नौसेना के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “अगर हिंद महासागर क्षेत्र और व्यापक इंडो-पैसिफिक में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है, तो यह हमारी नौसेना की बहादुरी और तत्परता के कारण है। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विश्वसनीयता का पर्याय बन गया है। नौसेना वैश्विक कैनवास पर भारत के बढ़ते कद का प्रतिबिंब है। ”

रक्षा मंत्री ने लगातार बदल रहे भू-राजनीतिक परिदृश्य के बीच तीनों सेनाओं की संयुक्तता और तालमेल के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने आधुनिक युद्ध और विभिन्न समुद्री अभियानों में ड्रोन के बढ़ते उपयोग के बारे में भी बात की। उन्होंने कमांडरों को सरकार के हरसंभव समर्थन का आश्वासन देते हुए सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया।

इस बार नौसेना कमांडरों का सम्मेलन हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित किया जा रहा है। यह नौसेना कमांडरों के लिए समुद्री सुरक्षा से संबंधित रणनीतिक, परिचालन और प्रशासनिक मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। उभरती भूराजनीतिक गतिशीलता, क्षेत्रीय चुनौतियों और क्षेत्र में मौजूदा अस्थिर समुद्री सुरक्षा स्थिति की पृष्ठभूमि में आयोजित यह सम्मेलन भारतीय नौसेना के भविष्य की नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,188FansLike
5,329FollowersFollow
60,365SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय