Friday, November 15, 2024

राकेश टिकैत ने ईवीएम को बताया भाजपा की मौसी, कहा- उन्होंने हरियाणा में लगाया होगा जीत का फॉर्मूला

 

मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के बयान पर किसान नेता राकेश टिकैत ने रविवार को प्रतिक्रिया दी।

राकेश टिकैत ने कांग्रेस की हार पर बात करते हुए कहा, “ऐसा नहीं है कि किसान किसी दूसरी पार्टी के साथ नहीं गए हैं। कुछ किसान आंदोलन की वजह से सरकार से नाराज थे और कुछ किसान ऐसे भी हैं, जो सरकार के साथ खड़े रहे। देश में चुनाव पार्टी, धर्म और जाति के आधार पर होते हैं। जो जिस पार्टी को चाहता होगा, वह उसके पक्ष में ही मतदान करेगा। जो किसान-मजदूर पार्टी के साथ होता है तो वह उसी को चुनता है, मगर संगठन की बात आती है तो वह उसी के साथ होते हैं।

 

इसका मतलब यह नहीं हो जाता कि किसान, संगठन की विचारधारा के मुताबिक ही सबकुछ करें।” उन्होंने कहा, “दिल्ली में हुए आंदोलन के दौरान सभी पार्टी की विचारधारा वाले लोग इसमें जुड़े थे। मगर हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों का गणित समझ नहीं आया। जनता ने इन्हें वोट दिया नहीं, लेकिन जीत इनकी ही हुई। जैसे यूपी में गन्ना समिति के चुनाव हो रहे हैं, यहां पर सीधा खेल उनका यह है कि दूसरी पार्टी के लोगों का पर्चा कैंसिल कर दो और बगैर वोट के जीत जाओ। उन्होंने हरियाणा में भी कोई फॉर्मूला लगाया होगा।” उन्होंने कहा कि जहां जिस पार्टी की सरकार रहती है, वहां एंटी गवर्नमेंट माहौल बनता है।

 

 

छत्तीसगढ़ में पहले कांग्रेस की सरकार थी, उसके खिलाफ आंदोलन चला तो वहां भाजपा आ गई। भाजपा वाले मास्टर हो गए हैं। वह चुनाव आयोग के डंडे, बुद्धि लगाकर आराम से चुनाव जीत जाएंगे। यही उनका फॉर्मूला है कि हमको इलेक्शन जीतना है, सत्ता नहीं छोड़नी है। राकेश टिकैत ने ईवीएम के सवाल पर कहा कि मैं साफतौर पर कहूंगा कि चुनाव में गड़बड़ है और मैंने पहले ही यह बात कही है। जैसे ईवीएम अभी रख दिए गए हैं, लेकिन बाद में किसी अन्य राज्य में चुनाव होंगे। बूथ तक ईवीएम के पहुंचने से पहले इसे किसी पार्टी को नहीं दिखाया जाता है। पहले से ही उसको इंजीनियर प्रोग्राम करते हैं।

 

सब खेल ईवीएम का है। ईवीएम भाजपा की मौसी है। राकेश टिकैत ने किसानों के आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि अभी बॉर्डर पर हमारा धरना चल रहा है, जो लगभग 14 महीनों तक चलेगा। विनेश फोगाट की जीत पर बोलते हुए टिकैत ने कहा, “अच्छी बात है कि वह जीत गई, लेकिन भाजपा वाले तो अपने नेताओं को भी हरवा देते हैं। केशव मौर्य को पहले चुनाव में हरवाया और उसके बाद उन्हें फिर से डिप्टी सीएम बना दिया, ताकि वह ठीक रहें।”

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय