मुजफ्फरनगर। बहुचर्चित रामपुर तिराहा कांड में सीबीआई ने कड़ी सुरक्षा के बीच दो गवाहों को कोर्ट में पेश किया, इनमें एक मीडियाकर्मी और दूसरा कर्मचारी संगठन का अध्यक्ष रहा है। अपर जिला जज एवं सत्र न्यायालय संख्या सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने अगली सुनवाई के लिए नौ फरवरी की तिथि तय की है।
इस संबंध में शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा, सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परवेंद्र सिंह, उत्तराखंड़ संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा और रजनीश चौहान ने बताया कि सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी की पत्रावली में साक्ष्य कराए गए, इनमें एक मीडियाकर्मी और दूसरा घटना के समय पर्वतीय शिक्षक संगठन के अध्यक्ष पद पर तैनात थे। दोनों साक्षी चमोली के गोपेश्वर से अदालत में आए थे। अगली सुनवाई नौ फरवरी को होगी।
उल्लेखनीय है कि एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी।
सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिस पार्टी और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे। गंभीर धाराओं के सेशन ट्रायल मुकदमों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने जिले के अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह को अधिकृत किया है।