मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के जनवरी के मासिक बुलेटिन में कहा गया कि भारत की आर्थिक वृद्धि में उछाल आने की संभावना है, क्योंकि घरेलू मांग में मजबूती आ रही है। आरबीआई के अनुसार, कृषि क्षेत्र की स्थिति अच्छी होने के कारण उपभोग मजबूत बना हुआ है। बुलेटिन में कहा गया कि 2024-25 की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधि के हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स में तेजी आने की संभावना है, जो एनएसओ के वार्षिक प्रथम अग्रिम अनुमानों में इस अवधि के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि को दर्शाता है।
मुजफ्फरनगर के सुजडू में दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प, चार घायल, एक की हालत गंभीर, मेरठ रैफर
बुलेटिन में बताया गया है कि दिसंबर में लगातार दूसरे महीने महंगाई दर में कमी आई है, हालांकि खाद्य महंगाई में स्थिरता के कारण इसके प्रभावों पर सावधानीपूर्वक निगरानी की आवश्यकता है। घरेलू मांग में फिर से मजबूती आने से भारत की आर्थिक वृद्धि में उछाल आने की संभावना है। कृषि क्षेत्र की स्थिति अच्छी होने के कारण ग्रामीण मांग में तेजी जारी है, जो कि खपत में मजबूती को दर्शाता है। बुलेटिन में आगे कहा गया कि खरीफ की रिकॉर्ड फसल के कारण कृषि और इससे जुड़े सेक्टरों का अच्छा प्रदर्शन और रबी की अधिक बुवाई के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है। इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में सुधार से प्रमुख क्षेत्रों में वृद्धि को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
खतौली में महादेव स्टील पर स्टेट जीएसटी का छापा, भारी गड़बड़ी मिली, आठ लाख का जुर्माना वसूला
बुलेटिन कहा गया है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा 7 जनवरी को जारी 2024-25 के लिए पहले अग्रिम अनुमानों ने पुष्टि की है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, हालांकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर लगातार तीन वर्षों से 7 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि से घटकर 6.4 प्रतिशत हो गई है। वैश्विक व्यापार में भी सुधार होने की उम्मीद है और 2025 में वॉल्यूम विस्तार पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होगा। हालांकि, भू-राजनीतिक जोखिमों की निरंतरता और अधिक संरक्षणवादी वातावरण के बढ़ते खतरे से अनिश्चितता बनी रहेगी।