मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म (ईटीपी) के लिए पारदर्शी, सुरक्षित और कुशल व्यापारिक प्रक्रियाओं, मजबूत व्यापारिक बुनियादी ढांचे के माध्यम से उचित पहुंच सुनिश्चित करने और बाजार के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से लाए गए नियामक ढांचे की समीक्षा करेगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की अंतिम द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि अक्टूबर 2018 में रिजर्व बैंक ने अपने द्वारा विनियमित वित्तीय उपकरणों में लेनदेन के उद्देश्य से ईटीपी के लिए एक नियामक ढांचा तैयार किया था। इसका उद्देश्य पारदर्शी, सुरक्षित और कुशल व्यापारिक प्रक्रियाओं, मजबूत व्यापारिक बुनियादी ढांचे के माध्यम से उचित पहुंच सुनिश्चित करना और बाजार के दुरुपयोग को रोकना है। इस ढांचे के तहत पांच ऑपरेटरों द्वारा संचालित तेरह ईटीपी को अधिकृत किया गया है।
दास ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में अपतटीय बाजारों के साथ ऑनशोर विदेशी मुद्रा बाजार का एकीकरण बढ़ा है, प्रौद्योगिकी परिदृश्य में उल्लेखनीय विकास हुआ है और उत्पाद विविधता में वृद्धि हुई है। बाजार निर्माताओं ने रुपये की पेशकश करने वाले ऑफशोर ईटीपी तक पहुंचने के लिए भी अनुरोध किया है। इसके मद्देनजर ईटीपी के लिए नियामक ढांचे की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है। संशोधित नियामक ढांचा सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए अलग से जारी किया जाएगा।