नयी दिल्ली। भारत में अचल संपत्तियों का सालाना कारोबार एक दशक में डेढ़ लाख करोड़ डालर के स्तर पर पहुंच जाएगा इसमें केवल मकान के बाजार का कारोबार ही 90000 करोड़ डालर से ऊपर होगा। यह अनुमान संपत्ति बाजार पर अध्ययन और परामर्श सेवाएं देने वाली कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया की एक ताजा रिपोर्ट में दी गई है। फर्म ने यह रिपोर्ट शुक्रवार को यहां रियल एस्टेट क्षेत्र पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक व्यवसायिक सम्मेलन में जारी की।
भारत के अचल संपत्ति बाजार की आगामी एक दशक की संभावनाओं पर ‘इंडियन रियल एस्टेट: ए डिकेड फ्रॉम नाउ’ शीर्षक यह रिपोर्ट में सीआईआई के सहयोग से यह रिपोर्ट तैयार की गई है। रियल एस्टेट कंसल्टेंसी नाइट फ्रैंक इंडिया ने अनुमान लगाया है कि भारतीय का मूल्य रियल एस्टेट क्षेत्र 2034 तक अनुमानित 1.5 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो तब तक कुल आर्थिक उत्पादन का 10.5 प्रतिशत होगा। वर्ष 2023 में, इस क्षेत्र का बाज़ार लगभग 482 अरब डॉलर के बराबर था।
भारत के सकल आर्थिक उत्पादन में इस क्षेत्र का योगदान अभी 7.3 प्रतिशत के दायरे में है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है की एक दशक में भारत के अचल संपत्ति बाजार में अकेले आवासीय संपत्तियों के बाजार 2034 तक 90,600 करोड़ डॉलर मूल्य के साथ शीर्ष पर रहेगा। इसके बाद कार्यालय की जगह का बाजार होगा जिसका योगदान 12,500 डॉलर के स्तर का होगा। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में बढ़ती मांग के कारण अगले 10 वर्षों में विनिर्माण गतिविधियों के लिए भूमि बाजार का कारोबार 28 अरब अमेरिकी डॉलर का और भंडारण स्थल बाजार का 8.9 अरब डॉलर के दायरे में पहुंचने की संभावना है।