Thursday, January 23, 2025

लाल चंदन उगाने वालों को मिलेगा बढ़ावा, सीआईटीईएस की समीक्षा सूची से भारत को हटाया गया

नई दिल्ली। लाल चंदन उगाने वाले और व्यापार करने वालों को राहत मिलने के साथ अब बढ़ावा मिलेगा। हाल ही में सीआईटीईएस की स्थायी समिति की बैठक में वन्यजीव और पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण के प्रयासों से भारत को महत्वपूर्ण व्यापार की समीक्षा से हटा दिया गया है। भारत 2004 से लाल चंदन के लिए महत्वपूर्ण व्यापार (आरएसटी) प्रक्रिया की समीक्षा के अधीन था। इसके तहत वैध तरीके से लाल चंदन के व्यापार को भी भारी समीक्षा से गुजरना पड़ता था।

सोमवार को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने एक्स पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हाल ही में संपन्न सीआईटीईएस स्थायी समिति की बैठक भारत के वन्यजीव और पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है। वन्यजीव अधिनियम में संशोधन के परिणामस्वरूप, भारत को सीआईटीईएस की राष्ट्रीय विधान परियोजना की श्रेणी-1 में कर दिया गया है। भारत 2004 से लाल चंदन के लिए आरएसटी प्रक्रिया के तहत था।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के प्रयासों से हमारे अनुपालन और रिपोर्टिंग के आधार पर, लाल चंदन को महत्वपूर्ण व्यापार समीक्षा से हटा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि लाल चंदन, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की चौथी अनुसूची में संरक्षित प्रजातियों की सूची में शामिल है। लाल चंदन आंध्र प्रदेश के पूर्वी घाट क्षेत्र में जंगलों में उगाया जाता है। इसके समृद्ध रंग व चिकित्सीय गुण सौंदर्य प्रसाधन के कारण इसे औषधीय उत्पादों और उच्च स्तरीय फर्नीचर, लकड़ी के शिल्प में उपयोग में लाया जाता है, जिसकी एशिया, विशेष रूप से चीन में इसकी अधिक मांग है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,735FansLike
5,484FollowersFollow
140,071SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय

error: Content is protected !!