मुजफ्फरनगर। इजरायल और हमास आतंकवादियों के बीच चल रही जंग को लेकर जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही इजरायल के समर्थन की घोषणा कर रखी है तो वहीं देश में कुछ विपक्ष पार्टियां फिलिस्तीन का समर्थन करते हुए भी नजर आ रही है। जिसको लेकर किसानों की लड़ाई लड़ने वाले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि इजरायल और हमास की लड़ाई को लेकर हमारा देश और विपक्ष बटा हुआ सा लगता है।
राकेश ने कहा कि इजरायल से हमारे संबंध अच्छे हैं इसलिए देश पॉलिटिकल रूप से इजरायल के साथ खड़ा हुआ है, वही हमारे देश के कुछ लोग दूसरे का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में देश बंटना नहीं चाहिए ,फैसला कराने की ताकत अगर हो तो उनके फैसले हो एवं संघर्ष विराम होना चाहिए क्योंकि युद्ध लड़ाई हमेशा हानिकारक होती है और अगर प्रधानमंत्री की बात यही है कि युद्ध विराम हो जाए एवं बातचीत से उनका समझौता हो और विवाद खत्म हो तो उसको करना चाहिए।
राकेश टिकैत ने कहा कि देश एवं विपक्ष बंटा हुआ सा लगता है और वहां पर जमीन कब्जे का मामला है। कोई जमीन कब्जाना चाहता है तो कोई जमीन छुड़ाना चाहता है तो यह वहां का पुराना विवाद है, कोई कहता है कि हमारी जमीन कब्जा ली हम वहां पर जायेगे एवं उनको आतंकवादी बताते हैं और वह कहते हैं कि यह हमारी जमीन है लेकिन हमारे संबंध इजराइल से हैं तो देश पॉलिटिकल रूप से इजरायल के साथ में खड़ा हुआ है।
वहीं कुछ यहीं के लोग दूसरे का समर्थन कर रहे हैं तो देश बंटना नहीं चाहिए, फैसला करने की ताकत अगर हो तो उनके फैसले हो एवं संघर्ष विराम होना चाहिए। क्योंकि युद्ध-लड़ाई हमेशा हानिकारक होती है अगर प्रधानमंत्री की बात यही है कि युद्ध विराम हो जाए एवं बातचीत से उनका समझौता हो और विवाद खत्म हो तो कराना चाहिए, ऐसे ही दूसरी जगह रूस वाला एक मामला चल रहा है वह भी यही मामला है एवं पिछला 1 साल हो गया है वहां पर भी यही मामला है तो भारत को जो भूमिका निभानी चाहिए वो आपस में समझौते वादी भूमिका पर जरूर जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते है कि फिलिस्तीन का समर्थन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह कहते हैं कि इजरायल ने हमारी जमीन कब्जा ली है और हम अपनी जमीन की लड़ाई लड़ रहे हैं, आतंकवादी तो क्या पता कौन है वह लड़ाई लड़ रहा है एवं यह तो अफगानिस्तान वाले भी आतंकवादी थे और वह देश पर राज कर रहे हैं और यहां नेपाल में भी माओवादी थे लेकिन सत्ता दें दी एवं चोर को पहरेदार बना दो बहुत बढ़िया सत्ता चलाता है।