मेरठ। मेरठ का रजिस्ट्री विभाग अब स्टांप ड्यूटी बार-बार कम लगवाने वालों की जांच करेगा। इसमें पहले नोटिस और फिर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। शासन द्वारा रजिस्ट्री विभाग को पत्र भेजा गया है। इसकी जानकारी लगने पर रजिस्ट्री कराने वाले अधिवक्ता और वेंडर ने भी मॉनीटरिंग शुरू करा दी है। बताया गया है कि रजिस्ट्री में लगने वाले स्टांप और संपत्ति का मिलान करने के लिए अधिकारी भी टीम गठित करेंगे।
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स्टांप ड्यूटी बचाने के लिए मकान का प्लाट और आवासीय जगह का उपजाऊ भूमि बताकर बैनामा कराया जाता है। मेरठ में छह उप निबंधक कार्यालय है। जहां पर रोजाना रजिस्ट्री होती है। कम स्टांप लगाकर रजिस्ट्री की जा रही है, इसका खुलासा हर महीने उप निबंधक द्वारा भेजी जांच रिपोर्ट में हुआ है। बताया गया कि प्रतिमाह अनुमानित दो करोड़ से ऊपर की स्टांप चोरी होना पाया जाता है। मेरठ के अलावा अन्य सभी जनपदों में यह खेल चल रहा है। इसको रोकने के लिए शासन ने सभी रजिस्ट्री विभाग में एक पत्र जारी किया है।
जिसमें लिखा है कि एक अधिवक्ता या एक वेंडर द्वारा पांच या उससे अधिक बार रजिस्ट्री में स्टांप ड्यूटी कम लगाई जाती है तो उनकी भूमिका की जांच होगी। जानबूझकर स्टांप ड्यूटी कम लगने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। रजिस्ट्री कराने वाले पहले संपत्ति का मुआयना करें और फिर उसके आधार पर स्टांप ड्यूटी लगाकर बैनामा कराएंगे।
मेरठ एआईजी स्टांप नवीन शर्मा ने बताया कि शासन से एक पत्र मिला है। जिसमें पांच बार स्टांप ड्यूटी लगवाकर बैनामा करने वालों की जांच रजिस्ट्री विभाग करेगा। नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा। स्टांप ड्यूटी चोरी होने पर शिकंजा कसना प्राथमिकता है।