शामली। विगत 2022-23 गन्ना सत्र के बकाया 190 करोड़ के भुगतान को लेकर किसानों व मिल मालिकों के बीच चौथी दौर की वार्ता भी विफल हो गई, किसान एक मुश्त गन्ने के भुगतान की मांग पर अड़े रहे, जबकि मिल अधिकारी पांच किस्तों में 25-25 करोड रुपए के भुगतान देने पर जोर देते रहे। वार्ता विफल होने के बाद किसान गन्ना मिल परिसर में धरने पर डटे हुए है।
गन्ना भुगतान को लेकर किसान व गन्ना मिल मालिकों के बीच जब किसानो की पहले दौर की वार्ता विफल हुई थी तो किसानों ने कलेक्ट्रेट में तालाबंदी का ऐलान करते हुए कलेक्ट्रेट की ओर कूच कर दिया था लेकिन जिला प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था के चलते किसान कलेक्ट्रेट के अंदर प्रवेश नहीं कर पाए थे, बाद में किसानों ने कलेक्ट्रेट के पास हाईवे पर जाम लगा दिया था। इसके बाद डीएम एसपी के आग्रह पर अगले दिन रात को ही जाम खोल दिया गया था किसानों का धरना चल रहा था।
आज शुक्रवार को मिल अधिकारियों ने किसानों के साथ चौथे दौर की बातचीत की। जिसमें उन्होंने एक मुश्त 190 करोड़ के भुगतान करने में असमर्थता जतायी, जबकि किसान पूरे भुगतान की मांग पर अड़े रहे।
इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत भी किसानों के धरने पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी ग्रुप ने किसानों का पैसा अपने पास रखकर और भुगतान का वादा करके ही पुराने मिल मालिक को भुगतान किया है,अब क्योंकि उसके पास पैसा है तो उसे भुगतान कर देना चाहिए या भुगतान न करने की असली वजह किसानों को बतानी चाहिए।
उधर धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता संजीव शास्त्री ने कहा कि किसान किस्तों पर भुगतान नहीं लेगा उसे 190 करोड़ का एक मुश्त भुगतान चाहिए। धरना निश्चित अनिश्चित कालीन चलता रहेगा।