Friday, November 15, 2024

सहारनपुर में SDM तहसील में धरना देने पर किसानों पर भड़की, बाहर निकाला

लखनऊ भारत को कृषि प्रधान देश बताया जाता है लेकिन आजकल हालत यह हैं कि किसान को सबसे ज्यादा निरीह बनाकर रख दिया गया है ।
सुप्रीम कोर्ट कई बार कह चुका है कि गन्ना किसानों को उनका भुगतान 14 दिन में मिल जाना चाहिए अगर नहीं मिलता तो उस पर ब्याज मिलना चाहिए। लेकिन शामली में किसान अपने 190 करोड़ के  गन्ना मूल्य के बकाए के भुगतान के लिए एक साल से ज़्यादा से संघर्ष कर रहे हैं और अभी भी दो सप्ताह से धरना दे रहे हैं पर कोई उनका भुगतान दिलाने की बात नहीं कर रहा है ।
अब सहारनपुर का एक वीडियो सामने आया है,जहां तहसील प्रांगण में धरना देने गए किसानों को एसडीएम बुरी तरह हड़का रही है । किसानों की गलती यह है कि वह एसडीएम साहिबा की तहसील में धरना दे रहे थे और उनमें कुछ बुजुर्ग किसान बैठकर हुक्का भी पी रहे थे
मामला सहारनपुर की नकुड तहसील से जुड़ा है, वहां की एसडीएम है संगीता राघव । संगीता राघव पीसीएस अफसर है और सहारनपुर में काफी लंबे समय से हैं । छवि भी दमदार अफसर की है और सोशल मीडिया पर भी एक्टिव है ।
दो दिन पहले उनकी तहसील में एक किसान संगठन से जुड़े लोग धरना देने पहुंच गए तो एसडीएम ने जो तेवर दिखाएं वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, एसडीएम ने किसानों को तहसील में धरना देने पर जमकर हड़काया।
दरअसल सहारनपुर के एक किसान  संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋतु सैनी के नेतृत्व में किसान अपनी समस्याओं को लेकर तहसील में धरना देने गए थे जिसके लिए बाकायदा एलआईयू और पुलिस के अफसर को सूचित भी कर दिया था लेकिन एसडीएम जब वहां पहुंची और उन्होंने अपनी तहसील में किसानों को धरने पर बैठे देखा तो पूरी तरह बिफर गई । किसान संगठन की अध्यक्ष ऋतु सैनी ने एसडीएम पर तीखे आरोप लगाए है।
धरने में जिन किसानों को एसडीएम ने धमकाया,उनमें कुछ बुजुर्ग किसान भी थे, ऐसे ही एक बुजुर्ग किसान रमेश त्यागी का कहना है कि आज किसान की दुर्गति की जा रही है।
इस देश को कृषि प्रधान देश कहा जाता रहा है और प्रधानमंत्री 2028 तक 80 करोड़ से ज्यादा गरीबों को निशुल्क खाद्यान्न बांटने की घोषणा भी कर चुके हैं । पिछले 10 साल से बांट भी रहे हैं लेकिन क्या वह नहीं जानते कि यह खाद्यान्न इन्हीं किसानों की बदौलत उनके भंडारण में आता  है जिन किसानों के साथ उनके अफसर इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं।
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