नई दिल्ली-राष्ट्रीय लोकदल के एनडीए में शामिल होने को लेकर अभी कोई अधिकृत घोषणा नहीं की गई है लेकिन अब यह लगभग तय हो गया है कि राष्ट्रीय लोकदल भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने जा रहा है। रालोद को दो लोकसभा और एक राज्यसभा की सीट मिलने की संभावना है, रालोद एक और सीट की मांग कर रहा है जिस पर अभी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। वहीं उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में भी रालोद विधायकों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का दावा है कि 12 फरवरी को विधिवत घोषणा हो जाएगी।
पिछले दो दिन से राजनीतिक हलकों में यह चर्चा अचानक से बहुत तेज गर्म हो गई कि राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी भाजपा नीत एनडीए में शामिल होने जा रहे हैं। राष्ट्रीय लोक दल के प्रवक्ता इस बात से लगातार इंकार कर रहे थे लेकिन अब जो स्थिति क्लियर हो रही है उसके मुताबिक रालोद का एनडीए में जाना लगभग तय हो गया है, जिसकी अधिकृत घोषणा अगले दो-तीन दिन में ही कर दी जाएगी।
सूत्रों के अनुसार रालोद को लोकसभा की 2 सीट दी जाएगी, साथ ही एक राज्यसभा सीट पर भी रालोद के नेता का मनोनयन होगा। 2024 में केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी को केंद्र में मंत्री पद मिलेगा, साथ ही उत्तर प्रदेश में भी रालोद के 2 विधायकों को मंत्री पद दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक एक विधायक को कैबिनेट और एक विधायक को राज्य मंत्री का पद दिया जाने की संभावना है।
राष्ट्रीय लोकदल इंडिया गठबंधन में पश्चिम उत्तर प्रदेश का प्रमुख राजनीतिक दल था, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 7 सीट रालोद को दिए जाने की घोषणा की थी, इसके बाद रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी अखिलेश यादव की घोषणा को रिपोस्ट करके खुशी ज़ाहिर की थी लेकिन मामला मुजफ्फरनगर की सीट पर फंस गया था। रालोद और सपा के समझौते में 7 सीट में कैराना,मुजफ्फरनगर,बागपत, मथुरा,अमरोहा समेत 7 सीट दिए जाने की चर्चा हुई थी जिसमें कैराना से रालोद के सिंबल पर समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन की बहन इकरा हसन को लड़ाने पर जयंत चौधरी और अखिलेश यादव दोनों ही एकमत थे लेकिन मुजफ्फरनगर की सीट पर रालोद के सिंबल पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री हरेंद्र मलिक को चुनाव लड़ाये जाने की घोषणा से रालोद में नाराजगी पैदा हो गई ,रालोद के स्थानीय नेता किसी भी दशा में हरेंद्र मलिक को रालोद के सिम्बल पर लड़ाने के लिए सहमत नहीं थे।
रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी भी हरेंद्र मलिक से नाराज है, इसके बाद इंडिया गठबंधन में दरार बढ़नी शुरू हुई और आखिर रालोद ने इंडिया गठबंधन को छोड़ने का फैसला कर लिया और एनडीए में शामिल होने की तैयारी कर ली है जिसकी विधिवत घोषणा अगले दो-तीन दिन में कर दी जाएगी। अभी तक हुए तय समझौते में बागपत और बिजनौर की लोकसभा सीट शामिल हैं। मुजफ्फरनगर की सीट भारतीय जनता पार्टी की सीटिंग सीट है जिसके चलते इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का मजबूत दावा माना जा रहा है।
बागपत के सांसद सत्यपाल सिंह का टिकट पहले ही काटे जाने की चर्चा थी वहां राज्य मंत्री के.पी.मलिक और योगेश धामा दो संभावित प्रत्याशी थे, लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी ने बागपत सीट रालोद को दे दी है जिसके बाद उस सीट पर जयंत चौधरी की पत्नी चारु चौधरी चुनाव लड़ेगी। बिजनौर सीट पर रालोद के टिकट पर एक गुर्जर नेता को चुनाव लड़ाया जाना है।
जयंत चौधरी वर्तमान में समाजवादी पार्टी के कोटे की सीट से राज्यसभा सदस्य हैं। भारतीय जनता पार्टी राज्यसभा की भी एक सीट राष्ट्रीय लोकदल को देगी। 2024 में केंद्र में भाजपा की तीसरी बार सरकार बनने पर जयंत चौधरी केंद्रीय मंत्री बनेंगे। साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में भी दो रालोद विधायको को मंत्री पद दिया जाएगा, जिसमें एक को कैबिनेट और दूसरे को राज्य मंत्री दिए जाने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक एनडीए में रालोद के जाने की विधिवत घोषणा अगले दो-तीन दिन में कर दी जाएगी,फिलहाल रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी किसी से भी संपर्क नहीं कर रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी के आला नेतृत्व से केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के माध्यम से उनका लगातार संवाद चल रहा है,कोई अन्य मध्यस्थ इस बीच वार्ता में शामिल नहीं है। वृहस्पतिवार को रालोद के विधायकों की जयंत चौधरी द्वारा बैठक बुलाई गई थी लेकिन अंतिम समय में स्थगित कर दी गई है। इसी बीच पार्टी ने अपने सभी नेताओं को गठबंधन को लेकर कोई भी बयान न देने के निर्देश भी दिए है।