Tuesday, April 8, 2025

केदारनाथ में बारिश के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त हुए, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

रुद्रप्रयाग। पूरे देश में मूसलाधार बारिश हो रही है। कई राज्यों में ये तबाही लेकर आया है। उत्तराखंड में भी पहाड़ दरक रहे हैं, बादल फटने से भारी नुकसान हो रहा है। इस बीच केदारनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं को भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। प्रशासन की ओर से फंसे लोगों तक राहत पहुंचाने की कोशिश जारी है। इस बीच उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने बताया कि केदारनाथ में बुधवार रात को हुई भारी बारिश के कारण कई रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए।

 

विभिन्न जगहों पर फंसे तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस समेत अन्य सुरक्षा बल लगातार कार्य में जुटे हैं। हर स्तर पर सभी लोगों के सुरक्षित रेस्क्यू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए वायु सेना के चिनूक और एमआई 17 विमान से भी यात्रियों को एयर लिफ्ट किया गया। वहीं, मैनुअल रेस्क्यू भी लगातार जारी है। रुद्रप्रयाग प्रशासन ने आपदा में मृतकों एवं गुमशुदा यात्रियों के संबंध में स्थिति स्पष्ट की।

 

 

प्रशासन के मुताबिक अब तक दो शव बरामद हुए हैं। यह दोनों शव लिंचोली क्षेत्र से बरामद हुए हैं। नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या के कारण यात्रियों को परिजनों से संपर्क करने में समस्या हो रही है। विभिन्न जगहों पर रुके यात्रियों के लिए प्रशासन के स्तर से पर्याप्त भोजन, पानी और आवासीय व्यवस्था भी की गई हैं। जिला पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर 7579257572, 01364-233387 और आपातकालीन नंबर 112 जारी कर यात्रियों के परिजनों की कॉल्स पर जरूरी जानकारी दी जा रही है। भीमबली में रुके 150 यात्रियों ने प्रीपेड काउंटर पर लगे वाई-फाई नेटवर्क के माध्यम से अपने परिजनों से बातचीत कर उन्हें कुशलता की जानकारी दी। शुक्रवार को 599 लोगों को हेलीकॉप्टर सेवाओं से एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किया गया।

 

 

जबकि, सोनप्रयाग से जंगल चट्टी के बीच फंसे 2024 और चौमासी में फंसे 161 तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू किया गया। रेस्क्यू में जुटे लोगों का कहना है कि बारिश रेस्क्यू में बाधा डाल रही है। अब तक कुल 7,234 यात्रियों को हेलीकॉप्टर एवं मैनुअल तरीके से रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, वन विभाग, संबंधित जिला पुलिस और फायर एवं इमरजेंसी सेवाओं की टीमें बचाव कार्य में जुटीं हैं।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,432FansLike
5,533FollowersFollow
149,628SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय