मेरठ। जिले में बड़े ई-स्टांप घोटाले की सुगबुगाहट है। सितंबर में स्टांप पर ट्रेजरी की फर्जी मुहर लगाकर रजिस्ट्री कराने का मामला सामने आने के बाद कराई गई जांच में जिले में 25 हजार के स्टांप में फर्जी मुहर मिलने के कई मामले सामने आए हैं।
इसके बाद सहायक आयुक्त स्टांप ने पांच हजार से ऊपर के स्टांप के सत्यापन के बाद ही रजिस्ट्री के आदेश जारी कर दिए हैं। मामला शासन तक पहुंचा तो मेरठ के इस स्टांप घोटाले का जिक्र करते हुए प्रदेश के अन्य जिलों में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है।
गाजियाबाद के स्टांप पर मेरठ ट्रेजरी की फर्जी मुहर लगाकर रजिस्ट्री होने पर सितंबर माह में सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसकी जिला प्रशासन ने जांच कराई तो स्टांप में ट्रेजरी की फर्जी मुहर के साथ-साथ स्टांप पर जारी किया गया सीरियल नंबर भी फर्जी मिला।
इसके बाद जिलाधिकारी दीपक मीणा ने गोपनीय जांच कराई, जिसमें 25 हजार के कई स्टांप पर फर्जी मुहर और सीरियल नंबर गलत मिले। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने पांच हजार से ऊपर के स्टांप का सत्यापन कराने का आयुक्त स्टांप को पत्र लिखा। आयुक्त स्टांप ने पांच हजार से ऊपर के सभी स्टांप का सत्यापन कराने के निर्देश जारी किए। रजिस्ट्री विभाग में पिछले तीन साल के स्टांप का सत्यापन कराने का कार्य भी शुरू करा दिया है।