Saturday, April 26, 2025

मेरठ में बिजली कटौती से ग्रामीण बेहाल, सिंचाई भी ठप-भाकियू ने दी सड़कों पर उतरने की धमकी

मेरठ। बिजली व्यवस्था को पटरी पर लाने की तमाम कवायदों के बाद भी उपभोक्ताओं को तय रोस्टर के अनुसार बिजली नहीं मिल पा रही है। शहरी क्षेत्र में ट्रिपिंग की समस्या है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी तय रोस्टर के अनुसार बिजली सप्लाई नहीं हो रही है। इसके चलते घरों में पानी की समस्या हो रही है।

 

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वहीं किसानों को फसल की सिंचाई करने में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। हालत ये हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू बिजली में लगभग 4-5 घंटे की कटौती लगातार की जा रही है। किसानों में इसको लेकर गहरा आक्रोश है। भारतीय किसान यूनियन ने इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने की धमकी दी है। भाकियू क्या कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शट डाउन फॉल्ट के नाम पर कटौती की जा रही है। विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं।

 

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भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने आज कहा यदि ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू बिजली तय रोस्टर के अनुसार बिजली नहीं दी गई तो भाकियू कार्यकर्ता और जनपद के किसान करेंगे बड़ा आंदोलन करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली भाकियू नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 18 घंटे बिजली ग्रामीण क्षेत्रों में देने की घोषणा की थी। लेकिन बिजली विभाग मुख्यमंत्री की घोषणा की अनदेखी कर रहा है। वर्तमान में मंत्र 12-13 घंटे ही ग्रामीण इलाकों में बिजली मिल पा रही है। जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने बताया कि विद्युत विभाग अपनी मनमानी पर उतारू है।

 

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ग्रामीण क्षेत्र में रोजाना 5-6 घंटे बिजली की कटौती की जा रही है। पूछने पर जिम्मेदार अधिकारी संतोषजनक जवाब भी नहीं दे रहे हैं। कृषि फीडर का रोस्टर उल्टा सीधा बना दिया है और इसमें भी रोज सुबह एक घंटा ओर शाम को आधा घंटे की कटौती की जा रही है। जिसके कारण किसान सिंचाई नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि बिजली संकट के हालात नहीं सुधरे तो भाकियू कार्यकर्ता और किसान एक बड़ा आंदोलन विद्युत विभाग के विरुद्ध करेगा।

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