Thursday, April 24, 2025

बड़े-बड़े हुए दावे पर अभी भी है गंगा मैली, शुक्रतीर्थ में भड़के संतों ने गंगा में खड़े होकर किया प्रदर्शन

मोरना। केंद्र और प्रदेश सरकार जबसे सत्ता में आई है तभी से गंगा निर्मल करने के नाम पर कई हज़ार करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है, गंगा सफाई कर देने के बड़े बड़े दावे किये जाते रहे है लेकिन हरिद्वार से कुछ दूर मुज़फ्फरनगर तक ही गंगा साफ़ नहीं हो पाई है।

तीर्थनगरी शुक्रतीर्थ में बह रही गंगा में हरिद्वार की ओर से काला व बदबूदार पानी निरंतर आ रहा है। शनिवार को गुस्साए तीर्थनगरी के साधु-संतों ने गंगा में खड़े होकर धरना प्रदर्शन किया। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कार्रवाई का आश्वासन देकर साधु-संतों को शांत किया।

[irp cats=”24”]

तीर्थनगरी शुक्रतीर्थ में बह रही गंगा में अभी भी उत्तराखंड हरिद्वार की ओर से काला बदबूदार पानी निरंतर बह रहा है। काले पानी में दिन भर मृत मछलियां तैरती नजर आई, जिसको देख दूसरे दिन भी घाट पर गंगा स्नान करना बंद रहा और दूरदराज क्षेत्रों से आए अनेक श्रद्धालु गंगा में स्नान किए बगैर ही वापस लौट गए।

सूचना पर मां पूर्णागिरि आश्रम के महामंडलेश्वर गोपाल दास महाराज, उदासीन निर्वाण आश्रम के महंत बाबा कृपाल दास महाराज के साथ सेवादास, अर्जुनदास, रामगिरी, बसंत दास, रामकिशन महाराज, नागा बाबा, पदम गिरी, शंकर गिरी आदि बड़ी संख्या में साधु-संत गंगा घाट पर पहुंच गए तथा गंगा में खड़े होकर ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे। गोपाल दास महाराज ने कहा कि मां गंगा को दूषित करने वालों पर यदि कडी कार्रवाई न की गई, तो संत समाज बडा आंदोलन करेगा।

सूचना पर जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल, भाजपा किसान मोर्चा के क्षेत्रीय मंत्री अमित राठी, पं. रामकुमार शर्मा, अजय कृष्ण शास्त्री आदि मौके पर पहुंचे। जिला पंचायत अध्यक्ष ने जिलाधिकारी से बातचीत करने के बाद ठोस कार्रवाई का आश्वासन देकर साधु-संतों को शांत किया।

कैमिकलयुक्त पानी आने से घट गई ऑक्सीजन की मात्रा:

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि गंगा में काला पानी आने की सूचना पर बीते शुक्रवार को सहायक पर्यावरण अभियंता इमरान अली, जूनियर रिसर्च फैलो मनीष कुमार व आलम सैफी को शुकतीर्थ भेजा गया था। टीम ने गंगा घाट समेत चार जगह से काले पानी के सैम्पल लिए गए.

जिसकी रिपोर्ट में गंगा में लक्सर की ओर से बह रहे काला बदबूदार पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम पाई गई है, जिसके चलते जलीय जीवों के जीवन पर संकट छाया है, जिसके लिए उत्तराखंड पर्यावरण एवं प्रदूषण बोर्ड, रुड़की हरिद्वार को अवगत कराया जा चुका है तथा दोनों राज्य की संयुक्त टीम द्वारा सघन निरीक्षण कराने की मांग की है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय