मुंबई। 2008 के मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर कोर्ट में पेश हुईं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधा और महाकुंभ में हुई घटना पर प्रतिक्रिया दी। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मेरा स्वास्थ्य काफी खराब था। थोड़ा आराम मिला है। मैं 4-5 महीने बाद यहां आई हूं।
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कांग्रेस के शासन में एटीएस ने टॉर्चर किया था, उसके कारण मेरे ब्रेन में चोट आई थी। चोटों की वजह से ब्रेन में सूजन आ गई। मेरी ब्रेन की चोटें उभरती हैं। इनके उभरने से सूजन आई और मुझे दिखना और सुनना बंद हुआ। यहां तक कि मुझे बोलने में दिक्कत हुई। अब 4-5 महीने के इलाज के बाद थोड़ा आराम मिला है, तो मैं कोर्ट में पेश हुई हूं।
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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे कुछ पात्र हैं, जब में जेल गई थी तब वो जमा कर लिए गए थे। उनको मैं निकालना भूल गई थी। मुझे ध्यान आया तो मैंने जज साहब से कहा कि मेरे जो भोजन के पात्र थे, उसमें भगवान को भोग लगाने के भी पात्र थे, वो दिए जाने चाहिए। आप पर जिन लोगों ने अत्याचार किया, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर उन्होंने कहा कि मैं एक संन्यासी हूं। यदि व्यक्तिगत कारण से मुझे टॉर्चर करते तो मैं इन्हें क्षमा कर देती, इन्होंने देशद्रोह किया है। इन्होंने कानून के अंतर्गत गैर कानूनी काम किया है और देश को हानि पहुंचाई है।
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देश को भगवा आतंकवाद घोषित करवाने के लिए इन्होंने विश्व में प्रयास किया है। यूएनओ में भारत को भगवा आतंकवाद देश घोषित कर दें, ऐसी कांग्रेस की नीति रही। उन्होंने जो मुझे जो टॉर्चर किया वो गैर कानूनी था। देश को बदनाम करने के लिए इन्होंने जो काम किया है वो कतई स्वीकार नहीं है। हम जैसे लोग देश को हानि नहीं पहुंचा सकते है। महाकुंभ को लेकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि महाकुंभ अद्भुत योग के साथ आया है। करोड़ों लोग ने स्नान करके परम आनंद प्राप्त किया है।
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उन्होंने महाकुंभ में भगदड़ की घटना को दुखद बताया। घटना जांच का विषय है और जांच भी की जा रही है। जिन लोगों की घटना में मृत्यु हुई है, मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। महाकुंभ में वे धार्मिक भाव लेकर गए थे। ईश्वर के प्रति भाव उनके समर्पित थे, इसलिए वह मोक्ष को प्राप्त होंगे। करोड़ों लोगों के बीच में जिस तरह की ये घटना हुई है, उससे बहुत बड़ी हानि हो सकती थी। अच्छी व्यवस्थाओं की वजह से बड़ी घटना होने से बच गई। उनका कहना है कि यह धर्म विरोधी लोगों का षड्यंत्र भी सकता है। लेकिन ये जांच का विषय है।