अहमदाबाद। गुजरात में नगर निकाय चुनावों के नतीजे आ गए हैं, जिनमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जबरदस्त जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस का लगभग सूपड़ा साफ कर दिया। राज्य की 68 नगर पालिकाओं में से 60 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस केवल एक नगरपालिका में जीत हासिल कर पाई। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी (सपा) और आम आदमी पार्टी (AAP) ने कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन किया, जिससे गुजरात की राजनीति में एक नया समीकरण उभरता दिख रहा है।
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इन चुनावों में समाजवादी पार्टी (सपा) ने कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन किया और दो नगरपालिकाओं में जीत दर्ज की। पोरबंदर जिले की कुटियाणा और राणावाव नगर पालिकाओं में समाजवादी पार्टी ने कब्जा जमाया। कुटियाणा नगर पालिका: 24 सीटों में से सपा ने 14 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी ने 10 सीटें हासिल कीं। राणावाव नगर पालिका: सपा ने 28 में से 20 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी केवल 8 सीटों पर सिमट गई।
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मंगलवार को घोषित हुए चुनाव परिणामों के अनुसार, बीजेपी ने कांग्रेस के कब्जे वाली कम से कम 15 नगरपालिकाओं में सत्ता छीन ली। इसके साथ ही, तीन तालुका पंचायतों—गांधीनगर, कपड़वंज और कठलाल में भी बीजेपी को जीत मिली। बीजेपी की यह जीत आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के लिए एक मजबूत संकेत मानी जा रही है।
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कांग्रेस इस निकाय चुनाव में पूरी तरह से हाशिए पर चली गई। कुल 68 में से कांग्रेस केवल देवभूमि द्वारका जिले की सलाया नगर पालिका ही जीत सकी। सलाया नगर पालिका एक मुस्लिम बहुल इलाका है, जहां 28 में से कांग्रेस ने 15 सीटें जीतीं, जबकि AAP ने 13 सीटें हासिल कर दूसरे स्थान पर रही।
कुटियाणा नगर पालिका पर पहले बीजेपी का कब्जा था, जबकि राणावाव नगर पालिका पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का। समाजवादी पार्टी ने इन दोनों सीटों पर जीत दर्ज कर अपनी बढ़ती ताकत का संकेत दिया है।
इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन किया, खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में। सलाया नगर पालिका में AAP ने 13 सीटें जीतकर कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी। इसके अलावा, पांच नगरपालिकाओं—मांगरील, डाकोर, आंकलाव, छोटाउदेपुर और वावला में किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, जिससे इन क्षेत्रों में त्रिशंकु स्थिति बनी हुई है।
इन नगर निकाय चुनावों में 5,084 उम्मीदवार मैदान में थे। फरवरी को मतदान हुआ था। गुजरात सरकार ने 2023 में पंचायतों, नगर पालिकाओं और नगर निगमों में OBC के लिए 27% आरक्षण की घोषणा की थी, जिसके बाद यह पहला चुनाव था।
गुजरात में निकाय चुनावों में बीजेपी की यह प्रचंड जीत 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले एक अहम संकेत है। बीजेपी ने इन चुनावों में कांग्रेस का लगभग सफाया कर दिया और विपक्ष को कमजोर बना दिया। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी और AAP के उभरने से गुजरात की राजनीतिक स्थिति में बदलाव के संकेत भी मिल रहे हैं।
गुजरात में हुए निकाय चुनावों में बीजेपी ने अपना दबदबा कायम रखा और कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया। समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा, जिससे गुजरात की राजनीति में नया समीकरण उभरता दिख रहा है।