Friday, November 22, 2024

सनातनियाें का संकल्प हुआ फलीभूत, अविस्मरणीय क्षण होगा प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा : योगानंद

लखनऊ। संहार हुआ है लंका में और गूंज अवध तक आई है, उस संदेशे भर के उल्लास में आज पूरी नगरी सजकर आई है। श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आस्था, उल्लास और आनंद की भावना हर किसी पर हावी है। 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर अयोध्या में जब भगवान श्रीरामलला की मूर्ति प्रतिष्ठापित होगी तब न केवल 500 से अधिक वर्षों का इंतजार खत्म होगा, बल्कि सनातनियाें का संकल्प भी फलीभूत होगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ श्रीराम का राज्याभिषेक देश ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए अविस्मरणीय क्षण होगा।

यह बातें श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर जूना अखाड़ा के महंत डॉ. योगानंद गिरि ने हिन्दुस्थान समाचार से खास बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम समूचे विश्व के आदर्श हैं। उनमें ऊंच-नीच का कोई भेदभाव नहीं है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में विश्व भर में दीपोत्सव की ऐसी तैयारी चल रही है जैसे मानो असंख्य दीपों की रोशनी अविस्मरणीय दृश्य प्रस्तुत करेगी। अब दीपोत्सव का समय आ चुका है, दिल खुशी से झूम उठा है और उत्सव चरम पर है। भारत ही नहीं, पूरा विश्व दीपावली के दिन एक शानदार दृश्य प्रस्तुत करेगा। पूरा देश मंद-मंद टिमटिमाते दीयों से जीवंत हो उठेगा।

आल्हादित हैं सनातनी

मीरजापुर के बूढ़ेनाथ मंदिर के महंत डा. योगानंद गिरि श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का साक्षी बनने का अवसर मिलने से आल्हादित हैं और खुद को धन्य मान रहे हैं। इसके लिए उन्हें निमंत्रण मिला था। वे अयोध्या पधार भी चुके हैं। महंतश्री ने कहा कि लोगों के मन में भगवान श्रीराम के प्रति अगाध आस्था है। प्रभु श्रीराम की धुन में रमे प्रत्येक सनातनी भगवान श्रीराम के अयोध्या आने की खुशी में आल्हादित हैं।

रोम-रोम में राम

राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी, दीप जला के दिवाली मैं मनाऊंगी, मेरे जन्मों के सारे पाप मिट जाएंगे राम आएंगे, मेरे झोपड़ी के भाग्य आज खुल जाएंगे, राम आएंगे… पुरुष हो या महिला सभी ऐसे कई रामधुन में मगन हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर इन दिनों ऐसा माहौल है जैसे रोम-रोम में राम बस गए हों। रामभक्त समीर दुबे, विनय दुबे, अवधेश मोदनवाल, प्रदीप दुबे, मीरा मिश्रा आदि का कहना है कि यह पहली बाहर है जब दो माह बाद दोबारा दीपाेत्सव मनाया जा रहा है। इसके लिए खास तैयारी की गई है।

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