मुंबई/नई दिल्ली। संजय मल्होत्रा ने बुधवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के 26वें गवर्नर के तौर पर बुधवार को कार्यभार संभाल लिया। मल्होत्रा ने छह साल तक आरबीआई के गवर्नर रहे शक्तिकांत दास की जगह ली है। इस मौके पर मल्होत्रा ने आरबीआई की विरासत को कायम रखकर इसे आगे ले जाने का वादा किया।
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संजय मल्होत्रा ने आरबीआई गवर्नर का पदभार संभालने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वे आरबीआई की विरासत को कायम रखेंगे और इसे आगे ले जाएंगे। शक्तिकांत दास से पदभार ग्रहण करने के बाद मल्होत्रा ने कहा, “नीति में स्थिरता और निरंतरता बहुत महत्वपूर्ण है। इस संस्था में विश्वास बनाए रखने के लिए जनहित में निर्णय लिए जाएंगे। उनके साथ डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे. एम राजेश्वर राव और टी. रबी शंकर भी मौजूद रहे।
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इससे पहले रिजर्व बैंक हेड क्वार्टर पहुंचने पर संजय मल्होत्रा का आरबीआई के वरिष्ठ कर्मचारियों ने स्वागत किया। मल्होत्रा ने 3 सालों के लिए आरबीआई के गवर्नर का पदभार संभाला है। राजस्थान के 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी मल्होत्रा के पास बिजली, वित्त तथा कराधान जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ सार्वजनिक नीति में तीन दशक से अधिक का अनुभव है।
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हालांकि, मल्होत्रा ऐसे समय में आरबीआई के गवर्नर का पद संभाल रहे हैं, जब देश महंगाई के साथ-साथ सुस्त अर्थव्यवस्था का सामना कर रहा है। अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 फीसदी पर पहुंच गई है। चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर घटकर सात तिमाहियों के नीचले स्तर 5.4 फीसदी पर आ गई है। इसको ट्रैक पर लाने की जिम्मेदारी नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की होगी।